सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट जिला मुख्यालय में शहर के बीच प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र स्थित धार्मिक आस्था के प्रतीक देवी तालाब में किये गये अतिक्रमण को हटाकर 17 दिसम्बर 2015 की अवधि तक अतिक्रमण हटाने और तालाब को सरंक्षित करने के एनजीटी का आदेश अतिक्रमण करने वालों एवं उन अधिकारियों के गले की फांस बन गया है जिन्होने सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर तालाब की सरंक्षित भूमि को निजी भूमि बताकर उसे बेच दिया।
17 दिसबर 2015 तक अतिक्रमण हटाने की मिली डेड लाइन के कारण वर्षो से काबिज पक्के निर्माण करने वाले व्यापारियों को अब पसीना छूट रहा है। इस तालाब में फैला अतिक्रमण किसी झुग्गी बस्ती के रूप में नही बल्कि बालाघाट शहर के नामचीन और प्रभावशाली लोगों द्वारा जमीन हथियाकर उस पर कब्जा कर लिया जिनको हटाने के लिये नगरपालिका को विचार करना पड रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि जहां एक ओर देवी तालाब पर मालिकाना हक जताने तो दूसरी तरफ तालाब के सार्वजनिक होने का दावा करने वालों के बीच कानूनी लडाई चल ही रही है। वहीं इस तालाब के संरक्षण की मांग करने वालों द्वारा याचिका में प्रस्तुत की गई दलिलों पर गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुये एनजीटी ने देवी तालाब का सीमाकंन कराने के बाद इसे संरक्षित करने के आदेश जारी कर दिये है।
इस मामले में पूर्व विधायक किशोर समरिते सहित अन्य 7 लोगों ने देवी तालाब में किये गये अतिक्रमण का मामला एनजीटी में प्रस्तुत किया था। एनजीटी द्वारा दिये गये निर्देश पर नगरपालिका परिषद बालाघाट एवं जिला प्रशासन द्वारा देवी तालाब का सीमाकंन करवाकर उसकी नापजोख करवाई।
राजस्व अधिकारियों ने सितम्बर माह में देवी तालाब का इटीएस मशीन से सीमाकंन करवाकर इसका जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। जिसके आधार पर एनजीटी ने तालाब के जल भरावा क्षेत्र को संरक्षित रखने एवं इसके केचमेन्ट वाले भाग में किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने के आदेश दिये है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन में अवगत कराया की खसरा नं.319 देवी तालाब में तालाब की सीमाओं को चिन्हीत किया गया जिसमे पाया गया है कि तालाब की भूमि रकबा 16.14 एकड में करीब 10.30 एकड में जल भरा हुआ हैै तथा 0.83 एकड में तालाब की भूमि को पाट दिया गया है एवं 5.01 एकड में अतिक्रमण कर विभिन्न निर्माण कार्य कर लिये गये है।
देवी तालाब में जहां पानी भरा हुआ है उस क्षेत्र राजस्व विभाग के नक्शों में यह खण्ड खण्ड हो गया है जिसमें लगभग 123 लोगों के नाम पर तालाब की जमीन बाट दी गई है जिन्हें नगर पालिका सभी निर्माणकारियों को नोटिस जारी कर उन्हें तलब करेगी।
नगर पालिका परिषद बालाघाट के अध्यक्ष अनिल धुवारे ने अवगत कराया की एनजीटी के निर्देशों को विधिवत पालन कराया जायेगा तथा देवी तालाब क्षेत्र में किये गये अतिक्रमण हटाकर तालाब का संरक्षित किया जायेगा।