भोपाल। मप्र में भ्रष्टाचार के ब्रांड एम्बेसडर बर्खास्त स्वास्थ्य संचालक डॉ. योगीराज शर्मा के खिलाफ ब्लेकमनी मामले में तो जांच चल ही रही है, अब एक खत्म हो चुके पत्रकार पिटाई कांड में भी फंस गए। मामला 8 साल पुराना है जिसे योगीराज ने लोक अदालत में खत्म करवा लिया था।
जेपी अस्पताल स्थित राज्य स्वास्थ्य सूचना संचार ब्यूरो कार्यालय में संचालक के पद पर रहते हुए एक पत्रकार से बदसलूकी करते हुए मारपीट की थी। संबंधित ने पुलिस ने मारपीट का मामला दर्ज कराया था। एफआईआर दर्ज होने के कुछ सालों बाद डॉ. शर्मा ने लोक अदालत में याचिका लगाकर मामले को खत्म करा लिया था। इस फैसले को कोर्ट में पीड़ित ने चुनौती दी थी, जिसमें लोक अदालत में बिना पक्ष सुने एकतरफा फैसला सुनाने की बात कही गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को दोबारा मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ चालान पेश करने के निर्देश दिए थे।
याद दिला दें कि योगीराज शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पसंदीदा वही अधिकारी हैं जिनको यहां इनकम टैक्स के छापे के दौरान नोट गिनने के लिए मशीन लगानी पड़ी थी। इनके बाथरूम, बेडरूम, तकिया, बिस्तर, हर जगह से नोटों के बंडल मिले थे। बताया जाता है कि योगीराज शर्मा का करोड़ों रुपए भोपाल में रियल एस्टेट, मीडिया एवं ब्याज वाले कारोबारों में लगा हुआ है। इनके खिलाफ ईओडब्ल्यू की जांच भी चल रही है जो लम्बे समय से आगे ही नहीं सरकी है।