खटाई में पड़ा अध्यापकों का 6वां वेतनमान

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भोपाल। जिस 6वें वेतनमान और शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर अध्यापक आंदोलित है, वो एक बार फिर खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। बिना नेता वाले आंदोलन का ऐलान होने के बाद सक्रिय हुए तमाम संगठन और सरकार ने आंदोलन को रोकने के प्रबंध तो कर लिए परंतु 6वें वेतनमान पर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं की गई है।

गुरूवार को सीएम हाउस पर मुरलीधर पाटीदार के संगठन राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों ने सीएम से मुलाकात की। रात 10 बजे सरकार की ओर से इस मीटिंग की अधिकृत जानकारी प्रेषित की गई। इस मीटिंग के दौरान राज्य अध्यापक संघ के नए प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव की ओर से शिवराज सिंह चौहान की वंदना की गई। कहा कि आपने जो दिया उसके लिए हम और हमारे परिवार सदैव आपके आभारी रहेंगे। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह ने प्रतिनिधियों को संबोधित किया। पढ़िए कुछ प्रमुख पंक्तियां:

  1. शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने के लिये व्यवस्था बनाई जायेगी।
  2. शिक्षा की गुणवत्ता पर शिक्षकों से संवाद भी किया जायेगा।
  3. शिक्षा में सद्भाव का वातावरण जरूरी है।
  4. अध्यापक संवर्ग मान-सम्मान से जीयें और बच्चों का भविष्य बनायें।
  5. शिक्षक मेरे दिल में बसते हैं। वे भावी पीढ़ी के निर्माता हैं।
  6. इसी भावना के साथ कार्य करते हुये कर्मी कल्चर को खत्म कर अध्यापक संवर्ग बनाया है।
  7. सरकार ने अध्यापकों के लिये जो कुछ किया है वह अपना कर्तव्य मानकर न्याय की भावना से किया है।
  8. आगे भी इसी भावना के साथ शिक्षकों के कल्याण कार्य किये जायेंगे।
  9. वर्तमान समय में राज्य सरकार के खजाने से लगभग 8 हजार करोड़ रूपये किसानों को राहत, ब्याज और विद्युत सब्सिडी के रूप में वितरित किये जा रहे हैं।
  10. समस्याओं पर संघ के प्रतिनिधियों के साथ शीघ्र चर्चा कर समाधान किया जायेगा।
  11. इसके लिये प्रतिनिधियों के साथ नियमित चर्चा की जाएगी।


इसके बाद विधायक मुरलीधर पाटीदार ने अध्यापकों की कुछ दूसरी समस्याओं का जिक्र किया, लेकिन उन पर कोई आदेश जारी नहीं किया गया।

ये अध्यापक नेतागण मौजूद थे
अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक श्री बलराम पंवार, श्री राघवेन्द्र सोहगौरा, श्री दर्शन सिंह चौधरी, गौ संबर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री शिव चौबे, राज्य अध्यापक संघ की कार्य कारिणी सदस्य श्री भरत भार्गव, श्री राजेश एलिया, श्री शैलेन्द्र त्रिपाठी, श्री भगवती शर्मा, श्री प्रभुराम मालवीय, श्री विपिन तिवारी, श्री पुष्पराज सिंह परमार, श्री पुष्पेन्द्र जोशी, श्री सुखेन्द्र सिंह एवं श्री अखिलेश चौहान

कुल मिलाकर ना तो 6वें वेतनमान एवं संविलियन की मांग की गई और ना ही सीएम ने कोई आश्वासन दिया। उल्टा सीएम ने शिक्षा की गुणवत्ता का मुद्दा और उठा दिया, जिसके माध्यम से सरकार अध्यापकों को मक्कार और नाकारा जताने का प्रयास करती है। हां, चने फुटाने वाले मामले में जरूर सीएम ने स्पष्टीकरण दिया और कहा कि उनकी सरकार ने जो भी किया वो न्याय की भावना से किया। पहली बार सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने माना कि यह एहसान नहीं था। अध्यापकों का अधिकार था, जो दिया गया। 
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