रीवा। चोरी में जब्त की गई नगदी पुलिस अधिकारी आपस में बांट लेते हैं, यह परंपरा मप्र में पुरानी है परंतु रीवा पुलिस के अधिकारियों ने तो बैंक घोटाले की जांच में जब्त की गई 73 लाख रुपए की रकम आपस में बांट ली। रिकार्ड में केवल 14 लाख की जब्ती दिखाई गई। अब गृहमंत्री ने इस मामले की सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं। इससे पहले एसडीओपी और टीआई को सस्पेंड कर दिया गया है।
गृहमंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा कि प्रकरण में संबंधित क्षेत्र के एसडीओपी और उनके मातहत पुलिस अधिकारी पर गबन की राशि को जब्त नहीं कर स्वयं रखने के आरोप हैं। गृहमंत्री ने बताया कि आरोपी काफी गंभीर हैं। आरोप सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बैंक राशि के गबन में प्रबंधक रामकृष्ण मिश्रा सहित अन्य आरोपी हैं। प्रकरण में एसपी रीवा को शिकायत मिलने पर दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है।
ये है पूरा मामला
डभौरा बैंक घोटाले में पूर्व जीएम अमरनाथ पाण्डेय की गिरफ्तारी के समय जब्त किए 73 लाख रुपए की बजाए 14 लाख की जब्ती दिखाने का पुलिसकर्मियों पर आरोप लगा था। इस मामले में पनवार थाना प्रभारी अरुण सिंह बघेल को रीवा एसपी ने निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा एसडीओपी डभौरा सुजीत बरकड़े की भूमिका पर संदेह होने के कारण रीवा एसपी ने उन्हें भी निलंबित कर दिया। बता दें कि थाना प्रभारी पनवार व डभौरा एसडीओपी ने गिरफ्तारी के समय रामकृष्ण मिश्रा के पास से मिले बकाया 59 लाख 50 हजार रुपए नकद, 320 ग्राम सोना व 36 चॉदी के सिक्के सरेण्डर किए हैं।