कालियासोत: NGT के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

भोपाल। 'नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के कलियासोत के आसपास निर्माण को लेकर दिए गए फैसले से भविष्य में नदी खतरे में पड़ जाएगी। इस मामले की अपील जल्द सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी।' एनजीटी में याचिका लगाने वाले पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष पांडे का कहना है कि यह फैसला पर्यावरण हित के अनुकूल नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि स्वयं राज्य सरकार ने माना है कि 8 बिल्डर्स द्वारा कलियासोत नदी के हिस्से में अवैध निर्माण व भराव किया गया है।

20 अगस्त, 2014 को एनजीटी ने कलियासोत नदी पर किए गए अवैध निर्माण व भराव को हटाने का आदेश दिया था। इसी के चलते नगर निगम प्रशासन ने 18 सितंबर से 8 बिल्डरों द्वारा कराया गया अवैध निर्माण और कोपरा हटाने की कार्रवाई की गई थी। ऐसे में बुधवार को हुई सुनवाई पहले के आदेश से बिल्कुल विपरीत है। बिना किसी सीमांकन रिपोर्ट के प्रस्तुत किए हुए एनजीटी द्वारा निर्माण कार्यों की अनुमति देना 13 महीने पूर्व दिए गए आदेश पर यू-टर्न लेना है।

यह होगा असर
पांडेय का कहना है कि इस फैसले का नाजायज फायदा उठाकर कुछ लोग नदी के किनारे निर्माण करेंगे। इससे नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।

पहले क्या कहा था NGT ने अपने फैसले में
कलियासोत मामले में सुनवाई के दौरान एनजीटी ने 20 अगस्त, 2014 को अपने अंतिम आदेश में राज्य के मुख्य सचिव को निर्देशित किया था कि प्राकृतिक स्रोतों का संवर्धन जरूरी है। इसके लिए सरकार कलियासोत नदी सहित प्रदेश के सभी जल स्रोतों के 33 मीटर के क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करे। वहां पौधे लगाकर ग्रीन बेल्ट स्थापित करे। इसके लिए एनजीटी ने संविधान के अनुच्छेद 48 (ए) का हवाला दिया था।

तीन माह में करें कलियासोत का कायाकल्प
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया था कि वे नदी के प्रारंभ से अंत तक ग्रीन बेल्ट के 33 मीटर चौड़ाई तक को विकसित करें। आवश्यक पोल व फैंसिंग की व्यवस्था करें। इसके क्रियान्वयन की रिपोर्ट तीन माह के अंदर प्रस्तुत की जाए।

700 ट्रक कोपरा हटाया गया
एनजीटी के निर्देश पर नगर निगम ने 18 सितंबर से कलियासोत नदी किनारे से कोपरा हटाने व अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की थी। 2 अक्टूबर तक चली कार्रवाई के दौरान यहां से निगम ने करीब 700 ट्रक कोपरा हटाया और कुछ निर्माण तोड़े। कार्रवाई के दौरान तीन कॉलोनियों (आकृति, आम्रवेली, आईबीडी) ने कोर्ट से स्टे ले लिया था।

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