जबलपुर। जिला पंचायत सीईओ नेहा मराव्या का बैंक मैनेजर और सेंट्रल बैंक के खिलाफ अचानक मोर्चा खोलना प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रहा है। एक दिन पहले सेंट्रल बैंक की ओर से प्रताड़ित करने वाला बयान जारी करना और रविवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के पदाधिकारियों ने बैठक लेकर खुलकर विरोध करने का निर्णय लिया। इस मौके पर फोरम के श्रीवर्धन नेमा सहित तमाम पदाधिकारी व पीड़ित मैनेजर भी मौजूद रहे। सभी ने एकस्वर में कहा कि सीईओ बैंक की छवि को धूमिल करने के अलावा प्रशासनिक दबाव बनाकर सिस्टम खराब कर रही हैं।
बैठक में शिकायत का फैसला
यूनियन की बैठक रविवार को इंडियन कॉफी हाउस में आयोजित की गई। इस दौरान यूनियन के श्रीवर्धन नेमा सहित सेंट्रल बैंक के आला अधिकारी शामिल हुए।
पहले कलेक्टर सहित तमाम स्तरों पर सीईओ के रवैये को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इसके बाद सीधे मुख्य सचिव जेसी एंटोनी डिसा से जाकर शिकायत की जाएगी।
इस दौरान संजीव सबलोक, टीके मलिक, नर्मदेश्वर पांडे, राघवेन्द्र निगम, आशुतोष चंदेल, संजीव खरे, डीसी चौधरी, नरेश श्रीवास्तव, एमएस नेगी, राजीव मल्होत्रा, श्री वाणी आदि मौजूद रहे।
धमकी के साथ अभद्रता करती हैं
बैठक में सभी अफसरों ने आक्रोशित लहजे में सीईओ की मनमानी का विरोध जताया। सभी का कहना रहा कि इतने दबाव में बैंक कर्मचारी काम नहीं कर सकते हैं। बैंक वाले काम करते हैं और अफसर शासन के सामने अपनी उपलब्धि गिनाते हैं।
बैंक अधिकारियों का आरोप है कि सीईओ तरह-तरह की धमकी देती हैं, जैसे-तुम्हारी नौकरी ले लूंगी, जेल में डलवा दूंगी, गिरफ्तार करा दूंगी, तुम्हें बैंक में किसने नौकरी दी, तुम सभी कामचोर हो, एससी-एसटी खाताधारकों से इनकी शिकायत कराओ, न्यूज पेपर में इनके खिलाफ समाचार निकालो जैसी धमकियां और शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है।
ये है मामला
जिला पंचायत सीईओ ने सितंबर के क्लोसिंग वाले दिनों में 30 करोड़ से ज्यादा के विभागीय खाते यूनियन बैंक में ट्रांसफर करा लिए। इस बात का पहले बैंक वालों ने विरोध किया लेकिन सीईओ ने किसी की नहीं सुनी। इससे पहले भी आरबीआई को पत्र लिखकर बैंक की शिकायत की जा चुकी है। बैंक अफसरों की समझ नहीं आया कि अचानक एक अफसर इतना नाराजगी और दबाव बनाकर काम क्यों कर रही हैं। सेंट्रल बैंक गोरखपुर शाखा में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ले जाकर खाते ट्रांसफर करने का दबाव बनाया गया।