CBI@व्यापमं: व्हिसल ब्लोअर की पूछताछ का ब्यौरा

ग्वालियर। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी से 50 सवाल पूछे। इन सवालों में घोटाले की पूरी जानकारी निकाल ली गई।

सीट कैंसलेशन के मामले में हुई पूछताछ
आशीष चतुर्वेदी ने दावा किया है कि उसने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए निजी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े करोड़ों के सीट कैंसलेशन घोटाले का खुलासा किया था। इस खुलासे के बाद एसआईटी ने कुछ मामले पकड़े थे। इनमें जीआर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की भूमिका का भी खुलासा हुआ था। एसआईटी ने मेडिकल कॉलेज के बाबू परमानंद वाधवा को गिरफ्तार किया था, जो अभी जमानत पर है।

कैसे चलता है सीट कैंसलेशन का धंधा
निजी मेडिकल कॉलेजों में 100 में से 42 फीसदी सीटें राज्य शासन की, 43 प्रतिशत डीमेट परीक्षा से और 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे से होती हैं। निजी मेडिकल कॉलेज के संचालकों की नजर राज्य शासन के 42 प्रतिशत कोटे पर रहती है। क्योंकि नियमानुसार सिलेक्शन होने के बाद अगर कोई छात्र सीट छोड़ता है तो वह स्वतः निजी मेडिकल कॉलेज के खाते में चली जाएगी और कॉलेज संचालक एक सीट को 25 से 35 लाख में बेचते हैं।

ऐसे करते हैं घोटाला
निजी मेडिकल कॉलेज व्यापमं द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में रैकेटियर के माध्यम से यूपी से सॉल्वर बुलाकर व पहले से मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को परीक्षा में बैठाते हैं। काउंसलिंग में कॉलेज आवंटित होने पर यह छात्र निजी परेशानी बताकर एडमिशन लेने से इंकार कर देते हैं। इससे राज्य शासन की यह सीट निजी मेडिकल कॉलेज के खाते में चली जाती है और इसे ओपन मार्केट में बेचकर लाखों कमाते हैं। काउंसलिंग के मूल दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। इसके लिए रैकेटियर इन फर्जी छात्रों के दस्तावेज मेडिकल कॉलेजों के स्टाफ से सेटिंग कर हासिल कर लेते थे और काउंसलिंग के बाद वापस जमा करा देते थे। इसके बदले में परीक्षा देने वाले छात्र को 50 से 1 लाख और इतना ही पैसा रैकेटियर को दिया जाता था।

हाईप्रोफाइल लोगों के नाम भी सामने आए
सीबीआई ने आशीष से सवाल किया कि सीट कैंसलेशन के मामले में सरकार से जुड़े व भाजपा संगठन के जुड़े किन-किन लोगों की भूमिका रही है। आशीष ने कुछ नाम सीबीआई के सामने लिए हैं।

निजी मेडिकल कॉलेजों पर सीबीआई शिकंजा कसेगी
डीमेट में हुई गड़बड़ियों के खुलासे में निजी मेडिकल कॉलेज संचालकों पर पहले से ही जांच की तलवार लटकी हुई है। लेकिन सीट कैंसलेशन के मामले में भी निजी मेडिकल कॉलेज सीबीआई की जांच के दायरे में आ गए हैं। जल्द ही कॉलेज संचालकों को सीबीआई पूछताछ के लिए बुला सकती है।

गुलाब सिंह व शक्तिप्रताप सिंह के संबंध में बात हुई
सीबीआई के अधिकारियों ने आशीष चतुर्वेदी से पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य गुलाब सिंह किरार के बेटे शक्तिप्रताप सिंह का फर्जीवाड़े से प्री-पीजी में सिलेक्शन होने संबंधी मामले में भी अनौपचारिक रूप से बात की है।

सप्ताहभर का समय दें
आशीष चतुर्वेदी ने सीबीआई से अनुरोध किया है कि उसे पूछताछ के लिए बुलाने से पहले उसे दस्तावेज व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कम से कम 7 से 15 दिन का समय दें और नोटिस में इस बात का उल्लेख करें कि किस मामले में उससे पूछताछ होनी है।

सत्यता को परखेगी
पूछताछ के दौरान आशीष ने जो जानकारी दी है, उसकी सत्यता को सीबीआई अपने स्तर पर परखेगी। इसके बाद ही कार्रवाई करेगी।

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