तीन गुटों में बंट गए मप्र के पंचायत प्रतिनिधि: हड़ताल पर सवाल

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भोपाल। पंचायत प्रतिनिधियों की मांग को लेकर बैकफुट पर आई सरकार के लिए राहत की खबर ये है कि पंचायत नेताओं में फूट पड़ गई है। आंदोलन से जुड़े नेताओं के तीन गुट हो गए हैं, जिनमें से दो ने पंचायतराज आयुक्त कार्यालय में लिखकर दे दिया है कि वे सरकार से लड़ने पर आमाद नेताओं के साथ नहीं है। हालांकि, इनकी मांगें भी तकरीबन वही हैं जो कोर कमेटी की हैं। उधर, पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने देर शाम विभागीय अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।

पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों को लेकर बीते दिन से भोपाल में सियासत गरमाई हुई है। मंगलवार को कोर कमेटी के सदस्यों ने बैठक की और नेताओं ने सरकार को चेतावनी देने के लहजे में मांगें पूरी करने की बात रखी तो बुधवार को सत्ता और संगठन की ओर से नेताओं को हिदायत देते हुए पलटवार किया गया। गुरुवार को जनपद पंचायत अध्यक्ष संघ मैदान में कूद गया। इसके सर्वेसर्वा रीवा जनपद पंचायत अध्यक्ष केपी त्रिपाठी ने साथियों के साथ बैठक की और ऐलान कर दिया कि वे कोर कमेटी के साथ नहीं है।

त्रिपाठी ने बताया कि कोर कमेटी के सदस्य युद्ध लड़ने के अंदाज में काम कर रहे हैं। पहले उन्होंने सिर्फ जिला पंचायत की मांगें रखी थी पर बाद में जनपद प्रतिनिधियों के मुद्दों को शामिल कर लिया। सरपंच, उप-सरपंच व पंच संघ के अध्यक्ष धरमसिंह परमार ने कहा कि हमारी मांगें अलग हैं। हम मानदेय, ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम को बंद करने और ग्रामसभा को अधिकार देने की बात कर रहे हैं। इसी तरह पंचायत सचिव संघ के दिनेश शर्मा ने भी पंचायतराज संचालनालय में लिखकर दे दिया है कि वे आंदोलनरत नेताओं कके साथ नहीं हैं।

फूट डालने की कोशिश:
उधर, आंदोलन में फूट की बात को त्रिस्तरीय पंचायतराज संगठन के संयोजक डीपी धाकड ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार और बीजेपी संगठन पंचायत प्रतिनिधियों को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहा है पर वे सफल नहीं होंगे। जनपद पंचायत अध्यक्ष संगठन से एक प्रतिनिधि को कोर कमेटी में रखने की मांग थी, हमने गोटेगांव जनपद अध्यक्ष सुरेश दुबे को सह-संयोजक बना दिया है। इसके बाद बिखराव की बातें क्यों सामने आ रही हैं, समझ से परे है। हम कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। कुछ वाजिब मांगें हैं, जिन्हें पूरा करने सरकार से मांग की है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री से पंचायत मंत्री की चर्चा के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी।
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