यहां मिल जुलकर हर काला कारोबार करते हैं भाजपा और कांग्रेस के नेता

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राजेश शुक्ला/अनूपपुर। 2003 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद कुछ एैसे लोग पार्टी से जुड गये, जिनका पार्टी के सिद्धांतों, समाज सेवा से कोई लेना-देना नहीं था। 2008 के बाद एैसे चेहरे तमाम अवैध कार्यों में दबे-छुपे तरीके से लाभ उठाते दिखते थे लेकिन अब जिले में रेत, पत्थर के अवैध उत्खनन, शराब, सट्टा, जुआ, कबाड के धंधे में खुलेआम इनकी संलिप्तता जनता देखकर हतप्रभ है। लगभग यही दशा कांग्रेस की भी है जिनके कुछ तथाकथित नेताओं को अवैध उत्खनन एवं अन्य कार्यों से जुडा देखा जा सकता है। एनजीटी के निर्देशानुसार जून से अक्टूबर तक सभी नदियों, नालों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन राजनेताओं के प्रश्रय एवं विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ से जिले में रेत और पत्थर का अवैध उत्खनन निरंतर जारी है।

धडल्लेे से हो रहे अवैध उत्खनन
जिले में अवैध पत्थर खदान एवं रेत माफिया, सटोरिया, जुआडी एवं कबाडियोंं का बोलबाला चल रहा है। इनके द्वारा मनमर्जी तरीके से रेत एवं पत्थर का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इन पर लगाम लगाने में प्रशासन असफल साबित हो रहा है। जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में, विशेष रूप से कोयलांचल में सट्टा, कबाड, जुआ, सूदखोरी का कारोबार जोरो पर चल रहा है वहीं राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र राजनगर, रामनगर, अर्जुन घाट, कोठी, बहेराबांध, वेंकटनगर, चोलना, फुनगा, मझगवां, जैतहरी, पसला, ठेही, गौरेला, सकरा, अनूपपुर नगर के समीप राजेंद्रग्राम, भेजरी, करपा, बेनीबारी, उफरीकला क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन का अड्डा बन गया है।

सोन उगल रही सोना
जिला मुख्यालय से लगे क्षेत्रों में, चचाई, अमलाई में सोन नदी रेत माफियाओं के लिये सोना उगल रही है। वहीं जिले के गोहडारी, कठना, केवई, तिपान, बरने, चंदास, जोहिला की नदियों से अवैध रेत का उत्खनन रेत माफियाओं द्वारा किया जा रहा है और चार गुने भाव से रेत का बिक्री की जा रही है। जिसके चलते जिले केे शासकीय-अद्र्धशासकीय एवं निजी भवनों के निर्माण कार्य में ग्रहण लग गया है। कुछ माह पूर्व जो रेत हजार रूपये ट्राली बिक रही थी अब ४-५ हजार रूपये के भाव से बेची जा रही है। इस अवैध कारोबार को अधिकतर सत्ताधारी नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं द्वारा  अंजाम दिया जा रहा है, जिससे प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है।

रेत माफिया एवं अवैध उत्खनन का है बोलबाला
जिले में जिस तरह से पत्थर का अवैध उत्खनन एवं रेत माफियाओं का कारोबार देखने को मिल रहा है उसे लेकर चर्चा है कि प्रशासन का  लगाम असफल है। पूरे जिले मे चल रहे अवैध कारोबार के चलते जहां लोगों का बोलबाला है वहीं आम जन का जीना मुश्किल हो गया है।

वन क्षेत्रों में हो रहा अवैध रेत का उत्खनन
राजेंद्रग्राम, जैतहरी, वेंकटनगर, अनूपपुर, बिजुरी, कोतमा, जमुना, भालूमाडा, चोलना, दारसागर, फुनगा, निगवानी, छिल्पा, बम्हनी, पसला वन क्षेत्र से अवैध रेत का उत्खनन एवं पत्थर की खदाने संचालित की जा रही हैं फिर भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं।

भाजपा नेताओं की नाल पर चल रहा जुआ
ऊर्जा नगरी चचाई, अमलाई, जैतहरी, कोयलांचल क्षेत्र राजनगर, पौराधार, बिजुरी, भालूमांडा, जमुना, कोतमा शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण नेता खुले आम जुंआ खिलवा रहे हैं। फिर भी स्थानीय वर्दीधारी देश-भक्त जन सेवक इन पर कानूनी कार्यवाही नहीं करते।

गली-गली में चल रहा सट्टे का कारोबार
अनूपपुर, बिजुरी, कोतमा, पौराधार, राजेंद्रग्राम, जैतहरी, अमरकंटक थाना क्षेत्र के लगभग अधिकांश स्थानों पर सट्टा और जुआ खिलाया जा रहा है। जिले के कुछ ही एैसे ग्रामीण क्षेत्र होंगे जहां सट्टे का कारोबार नहीं है नहीं तो शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में सट्टे का कारोबार चल रहा है।

सत्ता एवं संगठन को कर रहे बदनाम
भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के तथाकथित नेता अवैध उत्खनन, अवैध बारूद एवं रेत माफियाओं को संरक्षण दे कर जिस तरह से अवैध कारोबार में लिप्त हैं उससे मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के साथ-साथ संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी भी बदनामी से नहीं बच पा रहे हैं।

रेत खदानों का नहीं हुआ सीमांकन
जिले में दर्जनों एैसी नदियां हैं जहां से रेत माफियाओं द्वारा अवैध रेत का उठाव किया जा रहा है, जिससे प्रतिवर्ष शासन-प्रशासन को करोडों रूपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई रेत माफिया प्रदेश में सरकार अपने पार्टी की है कह कर अधिकारियों को धमकाते रहते हैं।

रेत माफिया स्टाप डैम से खोल देते हैं शटर
जिले के गोहडारी, कठना, बरने, केरहा नदी के स्टाप डैमों में प्रशासन द्वारा पानी रोकने के लिये कड़े शटर लगवाये गये हैं जिसे रेत माफियाओं द्वारा रात्रि में खोल दिया जाता है और जब पूरा पानी बह जाता है तो रेत माफिया दिन-रात अवैध कारोबार में लिप्त होकर रेत का उठाव करते हैं।

स्थानीय प्रशासन बना मूक दर्शक
जिले के तहसील राजेंद्रग्राम, जैतहरी, कोतमा, अनूपपुर क्षेत्र में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है फिर भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कडी कार्यवाही नहीं की जा रही, बल्कि कई अधिकारी सुविधा शुल्क प्राप्त करके सत्ताधारी नेताओं को खुला संरक्षण दे रहे हैं।

हो रहा अवैध स्टोन क्रेशर का संचालन
जिले में कितने वैध स्टोन क्रेशर संचालित हैं कितने अवैध स्टोन के्रशर चल रहे हैं इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं है। वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी क्रेशरों के बारे में सही जानकारी देने के लिये कई माह से टाल-मटोल कर रहे हैं। मामले से जुडे सूत्रों के अनुसार एक क्रेशर के लाइसेंस पर लोग दो-दो क्रेशर का संचालन अवैध ढंग से कर रहे हैं।

कबाड़ से हो रहा जुगाड
जिला मुख्यालय के साथ-साथ ऊर्जा नगरी एवं कोयलांचल क्षेत्र में कबाड का कारोबार लगातार जारी है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों की नजर वहां तक नहीं पहुंच पा रही।

जनप्रतिनिधियों का मौन संदेह के घेरे में
जनता यह देखकर हतप्रभ है कि जिन लोगों पर अवैध उत्खनन एवं शराब, सट्टा, जुआ का संचालन करने का आरोप लगता रहा है उनमें से अधिकांश निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के हम निवाला बने दिख रहे हैं। एैसे में जनप्रतिनिधियों पर भी एैसे लोगों को प्रश्रय देने का आरोप है। इनके विरूद्ध कार्यवाही न कराने से निर्वाचित जनप्रनिधिगण भी संदेह के घेरे में हैं।
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