मोदी सेल्फी केस में जज ने खुद को अलग किया

अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जज जस्टिस जीआर उधवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पिटीशन पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। केस के पिटीशनर ने बताया कि मंगलवार को जज ने यह कहते हुए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया कि 'नॉट बिफोर मी (मेरे सामने नहीं)।' इससे पहले सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने एडवोकेट जनरल की गैरमौजूदगी के कारण दूसरी डेट मांगी थी। बता दें कि गुजरात के सीएम रहते हुए 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगा है। मोदी ने वोट डालने के बाद रानिप एरिया में कमल के निशान (बीजेपी का सिंबल) के साथ सेल्फी ली थी।

पिछली बार की थी सुनवाई
गौर करने वाली बात यह है कि इसी बेंच ने 28 सितंबर को इस केस की सुनवाई की बात कही थी। जस्टिस ने रिविजन एप्लिकेशन को एडमिट किया था, लेकिन कुछ मिनट बाद ही अपने ऑर्डर को वापस ले लिया। मंगलवार को सुनवाई की तारीख रखी गई थी। पिछली सुनवाई में गुजरात की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट जनरल ने केस के सपोर्ट में कुछ एविडेंस प्रोड्यूस करने के लिए वक्त मांगा था। बता दें कि यह केस 'मोदी सेल्फी केस' के नाम से मशहूर है।

किसने फाइल की है पिटीशन?
* यह पिटीशन निशांत वर्मा नाम के शख्स ने फाइल की है। पिटीशन में मोदी के खिलाफ रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट (RP Act), इंडियन पेनल कोड (आईपीसी) और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगाते हुए क्रिमिनल एक्शन की मांग की गई है। पिटीशन दायर करने वाले निशांत वर्मा आम आदमी पार्टी (आप) के पॉलिटिकल वर्कर बताए जाते हैं।
* वर्मा का आरोप है कि मोदी ने 30 अप्रैल, 2014 को वोट डालने के बाद पोलिंग बूथ से 100 मीटर के दायरे में यह सेल्फी ली थी। उन्होंने पार्टी के सिंबल के साथ न केवल सेल्फी ली, बल्कि वहां पब्लिक मीटिंग भी की। इस बारे में पिटीशनर ने अहमदाबाद सिटी डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच के केस करने से इनकार करने पर अहमदाबाद रूरल मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस रजिस्टर किया था। इसके बाद केस को हाईकोर्ट के सामने लाया गया। अब मामला हाईकोर्ट के किसी और जज के सामने सुनवाई के लिए रखा जाएगा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!