आरटीओ की रिश्वतखोरी के कारण गई 7 लोगों की जान

जबलपुर। रोड एक्सीडेंट जब भी होते हैं हम ड्रायवर को दोषी मानकर बैठ जाते हैं। मगर गोसलपुर में हुआ हादसा ड्रायवर को शराबी मानकर बैठ जाने भर से शांत नहीं होने वाला क्यों​कि जिस व्यक्ति को ड्रायविंग लाइसेंस दिया गया, वो ड्रायविंग के लायक ही नहीं है। आरटीओ ने खनन माफिया से रिश्वत ली और लाइसेंस जारी कर दिया। नौसिखिए ड्रायवर ने जुलूस पर ट्रक चढ़ा डाला और 7 लोगों की मौत हो गई।

इस हादसे ने कई नई परतें खोल दीं हैं। नौसिखियों को भारी वाहन के लायसेंस मिलना, खनन माफिया से पुलिस की मिलीभगत और दुर्घटनाओं के मामलों को दबाने जैसे कई अहम पहलू सामने आए हैं। जिस मिनी ट्रक ने सात लोगों की जान ले ली उसका ड्राइवर प्रेमलाल भूमिया एक साल पहले तक खितौला के एक ढाबे में वेटर था। लेकिन परिवहन विभाग ने उसे भारी वाहन चलाने का लायसेंस दे दिया।

सिर्फ प्रेमलाल भूमिया नहीं बल्कि गोसलपुर के आसपास के गांवों में ऐसे सैकड़ों युवक हैं जो दो साल पहले तक या तो मजदूरी करते थे या बेरोजगार थे लेकिन विगत सालों में जैसे-जैसे खनन कारोबार ने इलाके में पैर पसारा वैसे-वैसे फर्जी लायसेंस का धंधा भी फैलता गया।

तीन साल में 200 से ज्यादा मौत
अवैध परिवहन से जुड़े वाहनों की वजह से पिछले 3 साल में 200 से ज्यादा लोगों की सड़क हादसों में जान जा चुकी है। जबकि 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसी कारण इस हादसे के बाद लोगों ने सबसे ज्यादा गुस्सा गोसलपुर थाने के स्टाफ पर उतारा।

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