भोपाल। राजधानी में आंदोलन करने आए पंचायत प्रतिनिधियों पर सरकार ने लाठियां बरसाईं, गिरफ्तारियां कीं। आंदोलन के संयोजक अभय मिश्रा को पहले भाजपा से हटाया, फिर गिरफ्तार किया, अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। कुलजमा कहा जाए तो आंदोलन सफल रहा, सरकार बौखला रही है। समर्थन सड़कों पर दिखाई दे रहा है।
सरकार की ओर से 2 हजार पंचायत प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी का आंकड़ा बताया गया है जबकि अभय मिश्रा ने 25 हजार आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी का दावा किया है। पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर कब्जा किया एवं दावा किया कि यह प्रदर्शन बिना अनुमति के हो रहा था परंतु टेंट व्यापारी ने बताया कि उसने आंदोलन की परमिशन देखी थी, तभी टेंट लगाया। पंचायत प्रतिनिधि सांसदों के समान वेतन-भत्ते आदि की मांग कर रहा है।
मोदी समर्थकों को हटा रहे शिवराज
गिरफ्तारी के बाद अभय मिश्रा ने कहा, 'मैं नरेंद्र मोदी का समर्थक हूं। शिवराज सिंह मोदी समर्थकों को रास्ते से हटा रहे हैं। उन्हें पार्टी से निकाला जा रहा है। प्रदेश भाजपा में गुलाम पाले जा रहे हैं।'
मिश्रा ने कहा,'भले ही सरकार ने हमें आंदोलन नहीं करने दिया। हमारे 20-25 हजार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया लेकिन इसके बाद अब हम गांव-गांव में जनअंदोलन करेंगे। स्वराज यात्रा निकालेंगे। नई दिल्ली में डेरा डालेंगे। मोदी के सामने अपनी बात रखेंगे।'
ये भाजपा नहीं नंदकुमार प्राइवेट लिमिटेड है
भाजपा से अपने निष्कासन पर बिफरे मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि नंदकुमार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ की तहर बर्ताव कर रहे हैं। इधर, पंचायत विभाग ने सरकार विरोधी गतिविधियों को देखते हुए मिश्रा को जिपं अध्यक्ष पद से हटाने के लिए धारा-40 की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
मिश्रा स्वयं भू नेता बनना चाहते हैं
मिश्रा और उनसे जुड़े हुए चंद लोग छिपे हुए राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रहे हैं। वे स्वयं भू नेता बनना चाहते हैं। मिश्रा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण हटाया है।
नंदकुमार सिंह चौहान
सांसद व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
