भोपाल में बने बालाघाट के 104 फर्जी जाति प्रमाण पत्र

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। भोपाल जिले की हुजूर तहसील कार्यालय में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वाला एक गिरोह सक्रिय है जो प्रदेश के अन्य जिलों के लोगों के आदिवासी होने के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दे रहा है। जिसके माध्यम से अनेक लोगों ने उंचे पदों पर सरकारी नौकरी हथिया ली है।

इस बात की जानकारी प्राप्त हुई है कि बालाघाट जिले में कोश्टी जाति जो की पिछडा वर्ग के अंतर्गत आती है। वारासिवनी एवं मेंहंदीवाडा ग्राम के अनेक लोगों ने जिनका परिवार यहीं निवास कर रहा है, भोपाल जिले के हुजूर तहसील कार्यालय में सक्रिय गिरोह के माध्यम से हलबा आदिवासी होने का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली है और उच्च पदों डिप्टी कलेक्टर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, व्याख्याता जैसे उच्च पदों पर एवं केन्द्रीय शासन के अधीनस्थ विभागों में पदस्थ हो गये हैं।

यह उल्लेखनीय है कि बालाघाट जिले में निवासरत अनेक लोगों ने हलबा आदिवासी होने का प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी हथिया ली है, आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त एस.एस.मरकाम ने अवगत कराया की इस फर्जीवाडे मे संलिप्त लगभग 104 युवक युवतियों की सूची पुलिस अधीक्षक बालाघाट को उपलब्ध कराई है जिसे पुलिस अधीक्षक द्वारा उप सचिव गृह विभाग को अग्रिम कार्यवाही के लिये भिजवाई है।

यह भी उल्लेखनीय है बालाघाट के तत्कालीन कलेक्टर डा. राजेश राजौरा ने कार्यकाल के दौरान बालाघाट में निवासरत कोश्टी जाति के लोगों द्वारा अपने आपको हल्बा आदिवासी बताकर सरकारी नौकरी प्राप्त कर रहे थे। जिसकी जांच के बाद संबंधित शिक्षा संस्थाओं के दाखिल खारिज रजिस्टर में कोश्टी जाति के लोगों द्वारा हल्बा जाति लिखाने पर रोक लगाते हुये उनके कोश्टी जाति में होना बताया था और यह स्पष्ट किया था कि बालाघाट जिले में हल्बा जाति केवल किरनापुर तहसील के कुछ ही गांव में निवासरत हैं।

इस तरह की रोक लग जाने के बाद बालाघाट जिले सहित अन्य जिले के लोगों ने हुजूर तहसील में सक्रिय इस गिरोह के माध्यम से फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने का सिलसिला षुरू किया जो अब तक जारी है। पिछले वर्शों में हुजूर तहसील कार्यालय से जारी जाति प्रमाणपत्रों की गहन छानबीन की जाये तो फर्जीवाडे का खुलासा होगा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!