आटा और मसाला बाजार में MNC से भिड़ेगी मप्र सरकार

भोपाल। यहां शोर भले ही हिन्दी दिवस का हो रहा हो परंतु वहां काम एक पते का हो रहा है। मप्र सरकार गुडगांव में अपना एक नया ब्रांड उतारने जा रही है। यह नया ब्रांड आटा और मसालों के बाजार में मल्टीनेशनल कंपनियों को चुनौती देगा। याद दिला दें कि गुजरात का अमूल देशभर में अपनी धाक जमा चुका है। यदि यह नया ब्रांड कुछ इसी तरह से अपनी पहचान बना गया तो यह मप्र की नई पहचान बन जाएगा। खुशी की बात यह भी है कि उत्पादों की बिक्री खुले बाजार के अलावा आॅनलाइन भी होगी। 

ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुणा शर्मा ने बताया, 'हम इस महीने 16 तारीख को दिल्ली-गुडग़ांव क्षेत्र में आजीविका ब्रांड नाम के तहत मध्य प्रदेश के स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद लॉन्च करेंगे।' इन उत्पादों में गेहूं का आटा, बेसन, दलिया, शहद, हल्दी, मिर्च, धनिया जैसे मसाले, हस्तशिल्प उत्पाद, ग्रामीण साड़ी के साथ साथ नजरबट्टू (एक उत्पाद, जिसका इस्तेमाल घर को बुरी नजर से बचाए रखने के लिए किया जाता है) भी शामिल हैं।

एसएचजी की परियोजनाओं की बिक्री गुडग़ांव में एक विशेष आउटलेट के जरिये की जाएगी। एनजीओ जयकिशन के संस्थापक संजीव शर्मा ने कहा, 'लगभग 1000 वर्ग फुट के क्षेत्र पर हमने गुडग़ांव में अलग आउटलेट बनाया है जहां हम आजीविका ब्रांड के तहत उत्पादों को प्रदर्शित और बिक्री करेंगे। हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मुकाबले कम कीमतों पर अपने उत्पाद बेचेंगे। 

उदाहरण के लिए शरबती आटा समान गुणवत्ता वाला होगा, लेकिन यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध होगा। साथ ही हम उत्पाद की शुद्घता की भी गारंटी सुनिश्चित करेंगे।' 

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