आबादी के आसपास से हटाए जाएंगे पेट्रोल पंप और गैस गोदाम

भोपाल। पेटलावद हादसे के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है। इसके तहत अब घनी बसाहट में मौजूद पेट्रोल पंप और गैस गोदामों को हटाया जाएगा। यह निर्णय हाल ही में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री विजय शाह की अध्यक्षता में हुई आला अफसरों की बैठक में लिया गया है।

बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि रहवासी क्षेत्रों के गैस गोदामों को सबसे पहले शहर से बाहर किया जाए। इसके बाद सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले पेट्रोल पंपों का चिन्हित किया जाए। रिपोर्ट मिलने के बाद इन्हें भी हटाया जाए। इस संबंध में अगली बैठक 13 अक्टूबर को होगी, जिसमें बैठक में लिए गए निर्णय के पालन की जानकारी दी जाएगी।

यह लिए गए निर्णय रसोई गैस के लिए
अब होटल संचालक एक समय में 5 से अधिक व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडरों नहीं रख सकेंगे।
होटलों एवं बहुमंजिला इमारतों में पाइप के माध्यम से प्रदाय गैस की स्थानीय निकाय एवं ऑयल कंपनी को नियमित रूप से जांच करना अनिवार्य होगा।
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में उपयोग की जाने वाली एलपीजी की मात्रा का आकलन हो, जांच के समय संचालक से गैस सिंलेडरों के कागज भी देखे जाएं।
शहरी क्षेत्र की गैस एजेंसियां तय समय में सिलेंडर घरों तक पहुंचाएंगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलपीजी परिवहन करने वाले गैस टैंकर की नियमित जांच की जाए।
घरेलू एलपीजी के उपयोग में लगे गैस चूल्हा, पाइप एवं रेग्यूलेटर का प्रति 2 वर्ष में अनिवार्य रूप से निरीक्षण कराया जाए। निरीक्षण की प्रति गैस एजेंसी पर और दूसरी उपभोक्ता को दी जाए।
एलपीजी सिलेंडरों को गैस एजेंसी के गोदाम से उपभोक्ता तक परिवहन करने वाले वाहन संचालक को विस्फोटक अधिनियम में सबंधित ऑयल कंपनी एक दिन का प्रशिक्षण देगी।

पेट्रोल पंपों के लिए
वाहन में यदि 6 से अधिक सवारी बैठी हैं तो सीएनजी, ऑटो एलपीजी एवं पेट्रोल-डीजल भरवाने से पहले इन्हें वाहन से उतारना अनिवार्य होगा।
अवैध रूप से पेट्रोल-डीजल का संग्रह एवं विक्रय पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
रेलवे बोगी से डिपो में पेट्रोल-डीजल भंडारण करते समय एवं टैंकरों में पम्प पर परिवहन के समय होने वाली पेट्रोल-डीजल की चोरी रोकने के लिए पुलिस को सघन जांच के निर्देश दिए जाएं।
ऑयल कंपनी को निर्देश दिए जाएं कि वह भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में पेट्रोलियम के परिवहन के समय वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर उससे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए बचाव दल का गठन करें।
पेट्रोल-डीजल परिवहन करने वाले वाहनों से परिहवन के दौरान चोरी रोकने के लिए सुरक्षित लॉक व्यवस्था लागू की जाए।
 पेट्रोल पंप किसी भी व्यक्ति को प्लास्टिक केन में पेट्रोल-डीजल न बेचें।
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