नम्रता हत्याकांड: पुलिस ने विशाल वर्मा से पूछताछ क्यों नहीं की ?

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भोपाल। व्यापमं घोटाले की पहली हत्या, नम्रता डामोर हत्याकांड में दैनिक भास्कर ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट अपने पास होने का दावा करते हुए अखबार ने बताया है कि व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार विशाल वर्मा ने नम्रता के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे, इसकी पुष्टि भी हो गई थी फिर भी पुलिस ने नम्रता की मौत के मामले में विशाल से पूछताछ तक नहीं की। सवाल यह है कि पुलिस पर ऐसा कौन सा दवाब था जो उसने हत्या के मामले की फाइल ही बंद कर दी। बार बार मांग उठने के बाद भी जांच नहीं की। यहां हम यह भी जोड़ना चाहते हैं कि इस मामले में इंदौर के कई बड़े मीडिया हाउस और विपक्ष के नेता भी रहस्यमय ढंग से चुप रहे। यह खुलासा भी जरूरी है कि उन्होंने ऐसा किसके दवाब में किया। इस मामले में यह पता लगाया जाना जरूरी है कि सत्ता में ऐसा कौन सा शक्तिशाली व्यक्ति है जो नम्रता की फाइल पर क्लोजर लगवा रहा था। 

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने विशाल के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल भी निकलवाई, लेकिन उसके संपर्कों की पड़ताल नहीं की। माना जा रहा है कि व्यापमं के रिंग मास्टरों के जरिए उसने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया था और इसी गलती की सजा उसे मौत के रूप में चुकानी पड़ी। झाबुआ के मेघनगर की रहने वाली नम्रता की लाश रेलवे ट्रैक पर 7 जनवरी 2012 को मिली थी।
पुलिस ने विशाल के बयान 4 फरवरी 2012 को लिए थे। जिसमें उसने स्वीकार किया था कि नम्रता से उसके अंतरंग संबंध थे।

पुलिस ने 13 फरवरी को नम्रता की वेजाइनल स्वैब की स्लाइड फारेंसिक जांच के लिए एफएसएल सागर भेजी थी। यहां से 20 मार्च 12 को जांच रिपोर्ट पुलिस को मिल गई थी। जिसमें नम्रता के शरीर में स्पर्म पाए जाने की पुष्टि की गई। पुलिस ने इसके बाद विशाल से कोई पूछताछ नहीं की।

हिस्टोपैथालॉजिकल परीक्षण की सलाह दी थी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट (9 जनवरी 2012) में डॉ. बीबी पुरोहित (फॉरेंसिक मेडिसिन) डॉ. ओपी गुप्ता चिकित्सा अधिकारी एवं डॉ. अनिता जोशी ने मौत का कारण ‘‘हिंसक रूप से दम घुटना बताया है जिसे रिपोर्ट में मानव वध के रूप में अंकित किया गया है। रिपोर्ट में मृत्यु से पहले ‘यौन संसर्ग’ की संभावना खारिज करने के लिए ‘हिस्टोपैथालॉजिकल’ परीक्षण की सलाह दी गई थी। डॉ. पुरोहित के मुताबिक, नम्रता के शरीर पर नाखून के निशान मिले थे. इसके साथ ही एक्सफेसिया (एक साथ मुंह, नाक व गला दबाना) के लक्षण भी उसके शरीर पर मिले। शरीर को पूरी तरह खोला गया तो उसमें भी एक्सफेसिया से मौत की पुष्टि हुई।

एसटीएफ ने गंभीरता से नहीं लिया
रिपोर्ट के मुताबिक एसटीएफ ने नम्रता की मौत के मामले को गंभीरता से नहीं लिया था। एसटीएफ के एडीजी सुधीर शाही ने 27 सितंबर 14 और 2 मार्च 15 को विवेचना अधिकारियों को बुलाकर मामले की समीक्षा तो की, लेकिन विशाल से आगे पूछताछ नहीं करने के संबंध में कोई सवाल नहीं किए। हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी एसआईटी ने भी कोई निर्देश दिए बिना ही पुलिस जांच के निष्कर्ष को मान लिया।

नम्रता की मौत के मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज है। इसी दिशा में जांच चल रही है। जांच में कई तथ्य मिले हैं लेकिन अभी जांच से जुड़े तथ्य बताए नहीं जा सकते।'
देवप्रीत सिंह, प्रवक्ता, सीबीआई
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