भोपाल। जहां एक और मप्र सरकार व केन्द्र सरकार शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान कर रही है वही दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में अध्यापन कराने वाले अतिथि शिक्षको ने शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाने का ऐलान कर दिया है।
अतिथि शिक्षक मोर्चा मप्र के प्रवक्ता आशीष जैन बताया कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने निर्णय दिया है कि अतिथि शिक्षकों को गुरूजी की तरह लाभ दिया जाये। लेकिन हाईकोर्ट के निर्णय में राज्य सरकार को दी गई तीन माह की समय सीमा बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार ने कोई जबाब नही दिया है।
अतः 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक राज्य सरकार के विरोध में काला दिवस मनाने पर मजबूर है। उन्होने भाजपा सरकार पर अतिथि शिक्षकों का शोषण करने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार मजदूरों से भी कम मानदेय में अतिथि शिक्षको से कार्य करवाकर अतिथि शिक्षको का शोषण कर रही है। जो भारत के संविधान में वर्णित मानव अधिकार एवं समानता के अधिकार की अवहेलना है। उन्होन कहा कि प्रदेश में एक लाख 60 हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत है। जो शासन का सहयोग कर स्थाई रोजगार की आशा लगाये है। उन्होने कहा कि अतिथि शिक्षक 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर सरकार के विरोध में काला टीका व काली पटटी बाॅधकर काला दिवस मनायेगे।