अध्यापकों और सरकार के बीच तनाव बढ़ा

भोपाल। राजधानी में आंदोलन कर रहे अध्यापकों एवं सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है। शिक्षामंत्री पारस जैन एवं राज्यमंत्री दीपक जोशी ने संविलियन की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है जबकि 6वें वेतनमान का निर्णय मुख्यमंत्री पर टाल दिया गया है। यहां आमरण अनशन पर बैठे 7 पदाधिकारियों की तबीयत बिगड़ गई है और मंगलवार को प्रशासनिक अनुमति भी समाप्त हो गई है अत: पुलिस जबरन आंदोलनकारियों को खदेड़ सकती है। आजाद अध्यापक संघ की ओर से कहा गया है कि यदि ऐसा कुछ हुआ तो आंदोलन और तेज हो जाएगा। राजधानी में फिलहाल 2000 से ज्यादा अध्यापक डटे हुए हैं।

अध्यापक राजधानी के शाहजहांनी पार्क में रविवार से डेरा डाले हैं। तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे 40 से अधिक अध्यापकों में से 7 को तबीयत खराब होने के बाद मंगलवार दोपहर हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया है। उधर, दो दिन से आंदोलन खत्म कराने में लगे स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अध्यापकों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मंत्रालय में दोनों मंत्रियों से मिलवाया। करीब एक घंटे चली चर्चा में मंत्रियों ने साफ कर दिया कि संविलियन की मांग पूरी करना नामुमकिन है। छठे वेतनमान पर बात हो सकती है लेकिन राशि ज्यादा है। मामले में मुख्यमंत्री ही अंतिम निर्णय लेंगे। मंत्रियों ने तब तक आंदोलन खत्म करने को कहा है लेकिन आजाद अध्यापक संघ आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं है। उधर, अनशनकारियों की हौसला अफजाई के लिए धरनास्थल पर करीब 2 हजार अध्यापक डटे रहे। जिन्होंने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री को जमकर कोसा। अध्यापकों ने कविताओं के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं करोगे, तो परिणाम भुगतना पड़ेगा।

तबीयत बिगड़ी
तीन दिन से अनशन पर बैठे भरत पटेल, सारिका अग्रवाल, आशीष दुबे, भीमसिंह यादव, उमा मार्को, सुधा दुबे और शिल्पी सिवान की हालात ज्यादा बिगड़ गई। पहले सारिका और शिल्पी को हमीदिया अस्पताल भेजा लेकिन ड्रिप लगने के बाद वे वापस धरनास्थल पर लौट आईं। आशीष दुबे इलाज कराए बगैर लौट आए, जबकि शाम को पटेल, भीमसिंह, उमा और सुधा दुबे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

छुट्टी पर रहे अध्यापक
अध्यापकों ने स्कूलों में तालाबंदी शुरू कर दी है। संघ प्रदेश के 80 फीसदी स्कूलों में तालाबंदी का दावा कर रहा है। हालांकि भोपाल में इसका असर नहीं दिखाई दिया। धरनास्थल पर जिले के अध्यापक तो पहुंचे लेकिन स्कूल बंद नहीं हुए। जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिले के किसी भी स्कूल में तालाबंदी नहीं हुई। हां कुछ अध्यापक छुट्टी पर चले गए हैं। ऐसे में उन्हीं के स्कूल में पदस्थ दूसरे स्कूलों ने त्रेमासिक परीक्षाएं कराई हैं।

अनुमति खत्म, कार्रवाई का खतरा
पार्क में आंदोलन की अनुमति मंगलवार को खत्म हो गई। पहले ही दिन से पुलिस अध्यापकों को टिकने नहीं दे रही थी। अब अध्यापकों को पुलिसिया कार्रवाई का डर है। हालांकि अध्यापकों ने साफ कर दिया है कि पार्क से बलपूर्वक हटाने पर गिरफ्तारी देंगे।

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पीछे नहीं हटेंगे अध्यापक
मांग पूरी होने तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। यदि प्रशासन धरनास्थल से जबरिया हटाता है, तो जिला और ब्लाक मुख्यालय पर धरना जारी रहेगा। साथ ही स्कूलों में तालाबंदी रहेगी।
भरत पटेल, अध्यक्ष, आजाद अध्यापक संघ

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