सहायक शिक्षकों की पीड़ा भी समझे सरकार

भोपाल। शिक्षक संघ मध्य प्रदेश के प्रान्ताध्यक्ष सतानंद मिश्र ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में अध्यापकों एवं सहायक शिक्षकों का सर्वाधिक शोषण हो रहा है, अध्यापकों की समस्याओं के लिए निर्णायक आन्दोलन हो चुका है, परिणाम अध्यापकों के पक्ष में ही होगा, किन्तु सहायक शिक्षक का पद डाइंग कैडर घोषित किया जा चुका है। लगभग 20 वर्षों से नियुक्ति बंद है, फिर भी प्रदेश भर में लगभग 50 हजार सहायक शिक्षक एवं सहायक शिक्षक विज्ञान 25 से 30 वर्षों तक एक ही पद पर पडे़ हुए हैं।

काफी योग्य एवं अनुभवी शिक्षक एक बार भी पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान न मिलने के कारण अपमानित महसूस कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा एवं म0प्र0 शासन की ज्यादातर योजनाओं का क्रियान्वयन सहायक शिक्षक ही करते हैं । किन्तु विभाग की विडम्बना यह है कि अनुभवहीन जूनियर लोग सहायक शिक्षकों पर प्रशासन कर रहे हैं, जिससे सहायक शिक्षक पीड़ित है। शासन पर कोई आर्थिक भार नहीं पड़ेगा, यदि इनकों वेतनमान के अनुरूप पदनाम या प्रधानाध्यापक / व्याख्याता/प्रशासनिक/अकादमिक पदों पर योग्यतानुसार नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति कर दी जाय । शिक्षक संघ ने सहायक शिक्षकों के स्वाभिमान हेतु आन्दोलन की रणनीति तैयार कर रहा है। जिसके तहत अविनाश शर्मा होशंगाबाद मो0 9425642525, सुरेन्द्र पाण्डेय रीवा मो0 8435952784 एवं नीलेश जैन सागर 9993180308 की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो सहायक शिक्षक सहायक शिक्षक विज्ञान के माॅगपत्रों के अनुसार ज्ञापन तैयार करेंगें। प्रान्तीय इकाई ज्ञापन अनुसार निराकरण की पहल करेगा अन्यथा निर्णयायक आन्दोलन की घोषणा होगी।

भवदीय
सतानन्द मिश्र
प्रान्ताध्यक्ष
शिक्षक संघ मध्यप्रदेश
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