भोपाल का विकास चाहिए, तो जेब से पैसा लगाइए: आलोक शर्मा

भोपाल। महापौर आलोक शर्मा ने समस्याओं को निपटाने के बजाए शिकायतों को आने से ही बंद करा देने की ट्रिक निकाल ली है। उनका कहना है कि यदि आपकी कॉलोनी में सड़क खराब है या दूसरा कोई काम है तो उसका एस्टीमेट तैयार कीजिए, आधे पैसे चंदाकरके जुटाइए, नगरनिगम में जमा कराइए, तब नगरनिगम वहां काम शुरू करेगा। यदि आप आधे पैसे नहीं दोगे तो गारंटी नहीं कि आपका काम हो पाएगा या नहीं।

महापौर ने घोषणा कर दी है कि नगर निगम जनभागीदारी वाले कामों को पहली प्राथमिकता देगा। यदि कॉलोनी के लोगों ने जनभागीदारी में 50 प्रतिशत का अंशदान दे दिया है तो बाकी रकम निगम मिलाकर तत्काल काम शुरू करेगा। महापौर आलोक शर्मा ने शनिवार को हर्षवर्धन नगर के एमआईजी क्वाटर्स वेलफेयर सोसायटी से यह बात कही।

इससे पहले आलोक शर्मा ने भोपाल की पार्किंग व्यवस्था को फेल बताते हुए प्राइवेट कंपनी को सौंपने का ऐलान किया था। कंपनी वाहन चालकों से दोगुना शुल्क वसूलेगी।  गजब बात है कि महापौर अपने ही कर्मचारियों को चोर और बेईमान बताकर प्राइवेट कंपनी के भरोसे काम कराना चाहते हैं, लेकिन इस शर्म भरी बात को उन्होंने कुछ इस तरह से पेश किया मानो भोपाल के हित में गर्व करने योग्य निर्णय लिया गया हो। 

खुद को बर्रूकट साबित करने के लिए उन्होंने हर्षवर्धन नगर व साईं मंदिर के पास खुद ही सफाई गाड़ी खींचकर कचरा भरा और झाड़ू लगाई। 
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