भोपाल। व्यापमं घोटाले में भाजपा के नेताओं की संख्या बहुत ज्यादा और कांग्रेसी नेताओं की संख्या कम है लेकिन डीमेट घोटाले में दोनों पार्टियों के नेता, पॉवरफुल ब्यूरोक्रेट्स और कई करोड़पति कारोबारी शामिल हैं। एक जनहित याचिका में खुलासा हुआ है कि किस तरह नियमों को तोड़कर नेताओं के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिया गया। जरा सोचिए, जब ये डॉक्टर बनेंगे तो कैसा इलाज करेंगे।
दरसअल, इंदौर के आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद राय की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने सारे नियमों को ताक पर रखकर अपने बेटों को निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिल कर दिया।
याचिका में कहा गया है कि
- कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हजारी लाल रघुवंशी के नाती अजय रघुवंशी,
- कांग्रेस नेता व कमलनाथ के नजदीकी लक्ष्मण डोली के बेटे तन्मय महेश्वरी
- और इंदौर की महापौर व शिवराज की नजदीकी मालनी गौड़ के बेटे कर्मवीर सिंह गौड़
का साल 2005 में इंदौर के अरविंदों मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया गया था। जबकि इन तीनों छात्रों को 12 वीं में 50 प्रतिशत से भी कम अंक मिले थे।
50 फीसदी अंकों पर नहीं मिलता दाखिला
तीनों ही छात्रों का एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के नियमों को ताक पर रखकर एडमीशन किया गया। नियमों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में 50 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वाले छात्र को प्रवेश नहीं दिया जाता है, लेकिन राजनीतिक पॉवर का इस्तेमाल करते हुए इन सभी छात्रों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिया गया।