नम्रता हत्याकांड: सीबीआई ने 7 घंटे तक कॉलेज में छानबीन

इंदौर। व्यापमं घोटाले में हुई सबसे पहली मौत 'नम्रता डामोर हत्याकांड' के सिलसिले में सीबीआई की टीम एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंची। यहां सीबीआई ने 7 घंटे तक छानबीन की। याद दिला दें कि ये वही हत्याकांड है जिसे आत्महत्या बताकर मप्र पुलिस ने क्लोज कर दिया था। बार बार मांग करने के बाद भी पुलिस इस फाइल को रीओपन करने के तैयार नहीं थी।

इन अधिकारियों से हुई पूछताछ
डीन डॉ. एमके राठौर
तत्कालीन वार्डन डॉ. अर्चना वर्मा
एनोटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री विभागों के अध्यक्ष।
अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी।

ये जानकारी जुटाई
नम्रता की एमबीबीएस की अंकसूची जब्त की गई।
हाजिरी रजिस्टर चैक किया, कॉलेज ने 40 प्रतिशत अटेंडेंस बताई।
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि नम्रता हॉस्टल से गायब रहती थी। सहेली अंकिता शर्मा ने लिखित शिकायत की थी, लेकिन कॉलेज शिकायत की ओरीजनल कॉपी उपलब्ध नहीं करा पाया।
अंकिता शर्मा व्यापमं मामले में गिरफ्तार हो चुकी है।
नम्रता की रूम मेट स्वाति सारस्वत व प्रिया तिवारी से चर्चा की।
हॉस्टल के चौकीदार से पूछताछ की गई।
होस्टल का विजिटिंग रजिस्टर मांगा गया। कॉलेज उपलब्ध नहीं करा पाय।

ये है मामला
मेघनगर निवासी नम्रता ने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस (2010 बैच) में एडमिशन लिया। एक महीने बाद ही इंदौर मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर ले लिया। 7 जनवरी 2012 को नम्रता का शव उज्जैन के समीप रेलवे ट्रैक के पास मिला था। घटना के तीन-चार दिन पहले से वह होस्टल से गायब थी। नम्रता का नाम व्यापमं द्वारा जारी 2011 बैच के संदिग्धों की सूची में भी था। कॉलेज प्रशासन ने 2014 में उसका एडमिशन रद्द कर दिया था।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!