इंदौर। यदि आपके साथ भी ऑनलाइन फर्जीवाड़ा होता है, तो 24 घंटे के अंदर आप इसकी सूचना बैंक, पुलिस और संभव हो तो गेटवे को करें। यह शिकायत ई-मेल या लिखित की जा सकती है। शिकायत मिलते ही गेटवे मर्चेंट का भुगतान रोककर पैसे आपके खाते में पैसे वापस भेज देगा। ई-शॉपिंग के माध्यम से लगातार बढ़ रही धोखाधड़ी को देखते हुए आरबीआई ने यह व्यवस्था की है। इस संबंध में बैंक व गेटवे को दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।
7 से 21 दिन का समय
इंदौर साइबर सेल के प्रभारी का कहना है कि ई-शॉपिंग धोखाधड़ी का मैसेज किसी व्यक्ति को मिलता है तो उसे तुरंत बैंक और पुलिस को शिकायत करना चाहिए। शिकायत मिलते ही साइबर सेल संबंधित गेटवे को मेल करता है और गेटवे द्वारा मर्चेंट का भुगतान रोक लिया जाता है। सामान्यतः गेटवे 24 घंटे बाद यह रकम मर्चेंट को ट्रांसफर करता है। धोखाधड़ी के शिकार व्यक्ति के बैंक खाते में कम से कम 7 और अधिकतम 21 दिन में पैसा वापस आ जाता है।
- तब रुपए होंगे वापस
- बैंक ने पंजीकृत मोबाइल नंबर बंद नहीं किया हो।
- एसएमएस अलर्ट की सुविधा ली हो।
- हर एसएमएस पर नजर रखी हो।
- ई-शॉपिंग का एसएमएस आते ही 24 घंटे के अंदर बैंक, गेटवे, पुलिस को सूचना दे दी गई हो।
- ऐसे फर्जीवाड़े अक्सर रात में होते हैं, ताकि जब तक ग्राहक पुलिस, बैंक या गेटवे से संपर्क करने की सोचे, तब तक 12 या अधिक घंटे बीत चुके हों।
आरबीआई की गाइड लाइन
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, पीड़ित सेल में शिकायत करने आते हैं तो उससे पहले बैंक जा चुके होते हैं। बैंक खाताधारक को ब्योरा देने से इनकार कर देते हैं। आरबीआई के अनुसार ब्योरा मांगने पर बैंक इनकार नहीं कर सकते।