भोपाल। व्यापमं और मौतों का कनेक्शन बड़ा मजबूत है। कहीं व्यापमं में आरोपी बनने के बाद मौत हो रही है तो कहीं मौत के बाद आरोपी बनाया जा रहा है। STF ने भिंड के एक ऐसे युवक को आरोपी बना दिया जिसकी मौत दिसम्बर 2013 में ही हो गई थी। वो एक एनजीओ में मात्र 5000 रुपए महीना पर काम करता था। उसे व्यापमं का पूरा नाम तक पता नहीं था।
भिंड के बिरखाड़ी गांव का निवासी देवेंदर नागर (33) 5 हजार रुपए तनख्वाह पर एक एनजीओ के लिए काम कर रहा था। न तो उसकी पीएमटी की इच्छा थी और ना ही वह सरकारी मुलाजिम था। उसका काम बीमार गांव वालों को दवाइयां बांटना था। 26 दिसंबर, 2013 को देवेंदर की सोनेलालपुरा के पास हाईवे पर रोड ऐक्सिडेंट में मौत हो गई थी। अब STF वाले आते हैं और उसके पिता जो गरीब किसान हैं, से बार बार देवेन्द्र का पता पूछते हैं। कहते हैं उसे कहो पेश हो जाए, नहीं तो जहां छिपा है, वहीं से उठा लाएंगे और बहुत मारेंगे।
