छतरपुर। कुछ साल पहले तक केंद्रीय विद्यालय छतरपुर के रास्ते में जहां तहां टकरा जाने वाला अरविंद अब आईपीएस बन गया है। गुडलक जैसे उसके साथ कदमताल कर रहा है। कोटा से 12वीं करने के बाद फर्स्ट अटेंप में ही एमबीबीएस क्लीयर हो गया। पढ़ाई भी की और डॉक्टर भी बने, लेकिन टारगेट कुछ और था। दिन में नौकरी करते, रात में ट्यूशन। मिनट टू मिनट टाइम मैनेज किया। 8 से 10 घंटे प्रतिदिन निकाले और अब छतरपुर के गौरव डॉ. अरविंद आनंद आईएएस बन गए हैं।
आकाशवाणी छतरपुर में कार्यक्रम अधिकारी दिनेश रजक के बेटे डॉ. अरविंद आनंद ने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की है। 29 वर्षीय अरविंद ने कक्षा 10वीं की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय छतरपुर से पास की थी। उन्होंने हायर सेकेंडरी की परीक्षा राजस्थान के कोटा से पास करने के बाद डॉक्टर बनने के लिए तैयारी की। पहले ही प्रयास में एमबीबीएस में उनका चयन हो गया। इसके बाद बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की है। इसके बाद डॉ. आनंद ने दिल्ली के सरदार बल्लभ भाई पटेल अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम करना शुरु कर दिया।
टाइम मैनेजमेंट का कमाल
उन्होंने बताया कि डॉक्टर के रूप में काम करते हुए उन्होंने रात्रिकालीन कोचिंग ज्वाइन करके सिविल सेवा की तैयारी की। वे अस्पताल के नियत समय पर अस्पताल पहुंचते थे और वापस आने के बाद पढ़ाई में जुट जाते थे। परीक्षा के 6 महीने पहले से तो टीवी और बाइक से भी रिश्ता लगभग खत्म कर लिया था। डॉ. आनंद के अनुसार समय का सही प्रबंधन करते हुए रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ने से उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई।
