भोपाल। गृह एवं जेल मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने बताया कि पुलिस सहायता के लिए कॉल करने वाले नगरीय क्षेत्र के व्यक्ति तक 5 मिनट में पुलिस पहुँचेगी। ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस अधिकतम 30 मिनट में उपलब्ध होगी। इसके लिए शुरू होने वाली डायल 100 योजना जीपीएस और अन्य आधुनिक तकनीक एवं संचार व्यवस्था से लैस 1000 फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल पूरे प्रदेश में तैनात किये जायेंगे। इनका केन्द्रीय नियंत्रण राजधानी स्थित दूरसंचार मुख्यालय से किया जायेगा। कॉल करने वाले से उसे मिले सहयोग और सुरक्षा पर उसकी संतुष्टि का फीड बेक लेकर योजना के क्रियान्वयन पर लगातार नजर रखी जायेगी।
श्री गौर ने कहा कि पुलिस सहायता के लिये प्रदेश के किसी भी जिले के कॉलर को 100 नम्बर पर कॉल करने पर कंट्रोल-रूम के कॉल-टेकर द्वारा घटना की संक्षिप्त जानकारी लेकर एक कम्पलेंट नम्बर दिया जायेगा। कॉलर और कॉल-टेकर के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी हो जायेगी। कॉलर को पुलिस सहायता पहुँचाने की आवश्यकता को देखते हुए कॉल-सेंटर से डिस्पेचर द्वारा जल्द से जल्द पुलिस वाहन भेजा जायेगा। इस वाहन को 'फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल'' नाम दिया गया है। वाहन अत्याधुनिक उपकरण जीपीएस सिस्टम, एव्हीएलएस, मोबाइल डाटा टर्मिनल इत्यादि से सुसज्जित रहेंगे। वाहनों की लोकेशन भोपाल स्थित राज्य कंट्रोल-रूम में नियमित रूप से ट्रेक होती रहेगी। अपराध की सूचना पर कॉलर की लोकेशन से निकटतम फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल को उनके पास भेजा जायेगा। इन वाहनों में मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा घटना-स्थल पर पहुँचकर कॉलर की मदद की जायेगी। पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी पीड़ित को दी जायेगी। संवेदनशील प्रकरणों में पीड़ित से सम्पर्क कर उससे फीड बेक भी प्राप्त किया जायेगा कि उसे समय पर पुलिस मदद मिल गयी थी कि नहीं। साथ ही वह पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट है अथवा नहीं।
श्री गौर ने बताया कि डायल-100 में कार्य करने के लिये चुने गये पुलिस स्टॉफ का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। ट्रेनिंग में विभिन्न उपकरण और सॉफ्टवेयर के प्रशिक्षण के अलावा सौम्य व्यवहार आदि का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।