विनय गुप्ता। मप्र में सरकार तो भाजपा की है लेकिन बात स्वदेशी की नहीं होती। होम्योपैथी के विकास के लिए इस सरकार ने आज तक कुछ नहीं किया। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में होम्योपैथी डॉक्टर्स धड़ल्ले से काम कर रहे हैं परंतु सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी होने के बाद भी होम्योपैथी डॉक्टर्स को मौका नहीं दिया जा रहा।
- मध्यप्रदेश में होम्योपैथी के कुल 21 कॉलेज हैं लेकिन इन्हे देखकर आप कॉलेज कभी नहीं कह पाएंगे।
- मप्र में होम्पयोपैथी डॉक्टरों के लिए नौकरियां ही नहीं हैं। सारे सारे अभ्यर्थी बेरोजगार हैं।
- सिलेबस में सुधार की जरूरत है, महाराष्ट्र में हो गया लेकिन मप्र में हलचल भी नहीं।
- होम्पयोपैथी डॉक्टरों को ग्रामीण इलाकों में जनरल प्रेटिक्स के अधिकार दिए जाएं। यदि नही दे सकते तो प्राइवेट हॉस्पिटल्स में नौकरी कर रहे आयुष डॉक्टरों को बाहर निकालो। वो वहां जनरल प्रेक्टिस ही कर रहे हैं।
- नौकरी नहीं दे सकते तो कॉलेज बंद कर दो।
Vinay Gupta