
भाजपाई अक्सर इस तरह के पुराने पापों का उदाहरण देकर अपनी सजाएं माफ कराने का प्रयास करते हैं। व्यापमं घोटाले की शुरूआत में जब दिग्विजय सिंह ने शिवराज पर उंगली उठाई तब भी शिवराज ने यही कहा था कि 'कांग्रेस कौन सी दूध की धुली है ?' अभी हाल ही में शिवराज ने फिर दोहराया है कि 'कांग्रेस काल में तो पर्चियों पर नियुक्तियां होतीं थीं।'
केन्द्र के नेता भी इसी तरह की दलीलें दिया करते हैं। जब जब वो किसी मामले में फंसते हैं तो कांग्रेस काल का एक उदाहरण उठा लाते हैं, छाती ठोककर कहते हैं कि तब ऐसा नहीं हुआ तो अब ऐसा क्यों करें।
बड़ी अजीब और इनलॉजिकल भाजपाई दलील है यह। कल को देश में आपातकाल लगा दोगे और कहोगे 'इंदिरा गांधी ने भी तो लगाया था, फिर मोदी क्यों नहीं।'
एक बार मेें क्लीयर कर दो भैया, क्या तुमसे तब तक नैतिकता के सवाल ना करें जब तक तुम्हारे पाप, पुराने पापों के बराबर ना हो जाएं।
एक बार मेें क्लीयर कर दो भैया, क्या तुमसे तब तक नैतिकता के सवाल ना करें जब तक तुम्हारे पाप, पुराने पापों के बराबर ना हो जाएं।