बलात्कारी को चप्पलों की माला पहनाकर गांव में घुमाया

फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में रविवार को दुष्कर्म के आरोपी एक युवक के हाथ बांधकर और चप्पलों की माला पहनाकर गांव में घुमाया गया। आरोपी और उसके परिजनों ने एफआईआर दर्ज न कराने की शर्त पर यह बेइज्जती बर्दाश्त की। दुष्कर्म की घटना पांच दिन पूर्व दोपहर में हुई थी, पीड़ित महिला सात बच्चों की मां बताई जाती है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सैकड़ों तमाशबीनों की मौजूदगी में दुष्कर्म के आरोपी को गलियों में घुमाया गया। उसके हाथ पीछे की ओर बांध दिए गए थे और चप्पलों की माला गले में डाल दी गई थी। इस दौरान काफी भीड़ मौजूद रही, बाद में कुछ वरिष्ठ लोगों के मना करने पर उसे मुक्त कर दिया गया।

बिंदकी कस्बे के एक पड़ोसी गांव में रविवार को दुष्कर्म के आरोपी को समाज द्वारा दी गई सजा की चर्चा काफी दूर तक फैली। लोग चटकारे लेकर चर्चा में मशगूल दिखे।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जिस युवक का जुलूस निकाला गया, उस पर पांच दिन पूर्व दोपहर में काछी जाति की एक अधेड़ महिला से दुष्कर्म करने का आरोप था। चार लड़कों और तीन लड़कियों की मां के साथ घटित इस घटना की जानकारी जब परिजनों को हुई तो वे आग बबूला हो उठे, लेकिन लोकलाज व दबाब को देखते हुए मामला एफआईआर तक नहीं पहुंचा।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को भी इस मामले की जानकारी हुई, लेकिन वह एफआईआर के लिए तहरीर आने का इंतजार करती रही।

आरापी युवक के परिजनों व पीड़िता के परिजनों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि एफआईआर न दर्ज कराई जाए, अपराधी युवक का मान भंग किया जाए। सहमति के आधार पर रविवार सुबह नौ बजे आरोपी युवक को गांव के प्रधान के दरवाजे पर लाया गया और हाथ बांधकर व चप्पल की माला पहनाकर समूचे गांव की हर गली में घुमाया गया। कुछ वरिष्ठ लोगों के सामने से जब यह तमाशा गुजरा तो उन्होंने आपत्ति की। इसके बाद आरोपी को मुक्त किया गया।

सवाल यह है कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध के लिए इस तरीके की सजा क्या पर्याप्त है?

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!