भोपाल। सीटें घटा देने के बाद भी बीई में एडमिशन नहीं आ रहे हैं। हालात यह हैं कि प्राइवेट के साथ साथ सरकारी कॉलेजों में भी सीटें खाली रह गईं। जिस बीई में एक सीट के लिए लोग कॉलेज की सारी शर्तें मान लेते थे, आज हालात यह हैं कि कॉलेज हर नियम को तोड़कर सीटें भरने का मजबूर हो गए हैं।
अब प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में संचालित बीई कोर्स की खाली सीटों के लिए कॉलेज लेवल की काउंसलिंग (सीएलसी) आयोजित की जा सकती है। दूसरे राउंड के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग सीएलसी की मंजूरी दे सकता है। विभाग स्तर कॉलेजों को इसकी मंजूरी देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
बीई काउंसलिंग का दूसरा राउंड 21 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 5 अगस्त तक चलेगा। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस बार काउंसलिंग का जो कार्यक्रम तय किया है उसमें सीएलसी का कोई प्रावधान ही नहीं रखा है, लेकिन प्राइवेट कॉलेज संचालक इसकी मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से मांगा समय
विभाग ने पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्राें को ही बीई के लिए पात्र मानने की बात कही थी। इसके तहत केवल दो ही राउंड में काउंसलिंग पूरी कराना तय किया गया था। इसके पीछे विभाग ने एआईसीटीई के उस आदेश का हवाला दिया था जिसमें काउंसलिंग 20 जुलाई तक पूरी करने की बात कही गई थी लेकिन विभाग ने एआईसीटीई को प्रस्ताव भेजकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत तय समय में काउंसलिंग कराने के लिए समय मांगा था। संचालक तकनीकी शिक्षा आशीष डोंगरे का कहना है कि यदि पहले और दूसरे राउंड में सीटें खाली रहती है तो ही सीएलसी आयोजित की जाएगी।
