कमाल हो गया: जो सरकारी कर्मचारी ही नहीं, वो फर्जी भर्ती में आरोपी हो गया

भोपाल। विधानसभा सचिवालय में नियम विरुद्ध नियुक्तियों की जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। विधानसभा ने जिस शख्स के नाम एफआईआर दर्ज कराई है, उस नाम का कोई व्यक्ति विधानसभा का कर्मचारी ही नहीं है।

पुलिस ने कुछ और खोजबीन की तो पता चला कि तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी इस गुमनाम शख्स के लिए नोटशीट लिख चुके हैं। यह नोटशीट कुलदीप पांडे का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन कराने के लिए लिखी गई थी। हालांकि यह संविलियन बाद में नहीं हो पाया।

बहरहाल, कुलदीप को ढूंढती हुई पुलिस जब विधानसभा पहुंची तो वहां मार्शल के रूप में काम कर रहे प्रदीप पांडे से उनका सामना हो गया। अब पुलिस असमंजस में है कि क्या करें। दिग्विजय सिंह आैर तत्कालीन अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के दस साल के कार्यकाल में नियमविरुद्ध नियुक्तियों के मामले में जहांगीराबाद पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर पुलिस ने विस सचिवालय की ओर मिले एक आवेदन के आधार पर दर्ज की थी। इसमें से 18 के मामले में जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ गई, लेकिन 19वें शख्स के रूप में गुमनाम कुलदीप पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। सचिवालय से पता चला कि वहां कुलदीप पांडे नाम का कर्मचारी है ही नहीं।

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