भोपाल। मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में आज प्रश्नकाल को सत्तापक्ष के मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं उनके साथियों ने किडनेप कर लिया। बजाए सदन को चलाने के, बात का बतंगड़ बनाया और तब तक हंगामा मचाया जब तक कि सदन स्थगित नहीं हो गया। कुल मिलाकर प्रश्नकाल जैसा महत्वपूर्ण सत्र किडनेप हो गया। उसे चलने ही नहीं दिया गया।
प्रतीत हुआ जैसे सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ। सदन को चलाने की पहली जिम्मेदारी सत्तापक्ष की होती है। विपक्ष अक्सर सवाल उठाता है, शोर भी मचाता है परंतु सत्तापक्ष सहृदयता का परिचय देता है लेकिन मप्र विधानसभा में आज फिर सत्तापक्ष ने विपक्षियों से कहीं ज्यादा बढ़ चढ़कर हंगामा किया।
सदन की शुरुआत 19 साल पुराने विशेषाधिकार हनन के मामले में दोषी पाए गए एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ता की भर्त्सना से हुई। बीते 20 सालों में यह पहला मामला है जब सदन किसी की निंदा की गई। सिद्धार्थ को पुलिस सुबह 10.30 बजे विधानसभा लेकर आई। वहां उन्हें कटघरे में खड़ा कर सदन में उनकी भर्त्सना की गई।
इसके बाद जब प्रश्नकाल शुरू हुआ, तो कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने कहा कि सिद्धार्थ गुप्ता की 19 साल बाद भर्त्सना की गई, तो फिर व्यापमं के आरोपियों का क्या होगा? इसके साथ ही भाजपा को मौका मिल गया और मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित दो तीन अन्य मंत्री कांग्रेस पर टूट पड़े। शोर शुरू हुआ और विधानसभा 10 मिनिट के लिए स्थगित हो गई।
दूसरी बार फिर सदन स्थापित हुआ। इस बार इससे पहले कि कांग्रेस कुछ करती, मंत्री नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस पर टूट पड़े। बोले विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता है। कांग्रेसियों ने आपत्ति उठाई तो फिर सत्ता पक्ष के मंत्रियों एवं विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्रवाई 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके बाद जब तीसरी बार कार्यवाही शुरू हुई, तब भी हंगामा नहीं रुका। कांग्रेस विधायकों के वॉल्यूम से कहीं ज्यादा सत्तापक्ष के मंत्री और विधायकों का वॉल्यूम था। अध्यक्ष ने बुधवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
कांग्रेस विधायक को धक्का मारा
सदन की कार्रवाही स्थगित होने के बाद जब सभी बाहर निकल रहे थे, तभी कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी, रजनीश सिंह और मधु भगत को बीजेपी विधायकों ने धक्का मार दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे शिकायत करने विधानसभा अध्यक्ष के पास जा पहुंचे। इस पर अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव को बुलाकर दोनों को समझाइश दी।