कमलेश लक्षकार/मंदसौर। शनिवार की दोपहर में शिवना ने उफान पर आने के 6 घंटे बाद ही मंदिर में पहुंचकर पशुपतिनाथ जलाभिषेक कर दिया है। शनिवार की रात्रि में 8.15 बजे मंदिर गर्भग्रह में शिवना का अमृत जल पहुंच गया और पशुपतिनाथ का जलाभिषेक शिवना ने कर दिया। जलाभिषेक के बाद मंदिर गर्भग्रह में लगातार जलस्तर बढ़ रहा था जिससे रात्रि 9.30 बजे तक अष्टमुखी प्रतिमा के नीचे के चार मुख आधे डूब गये थे। देखते.देखते रात लगभग 11.35 बजे पुरी अश्टमुखी प्रतिमा जलमग्न हो गई।
शनिवार की दोपहर में शिवना नदी में पानी आने के बाद से ही जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था शाम 5 बजे बाद से पशुपतिनाथ के चरणों से मात्र डेढ़ फिट दूर शिवना बह रही थी और शाम 7.30 बजे तक शिवना एक फिट दूरी पर बहती रही। जिसके बाद बढ़े जलस्तर से शिवना ने वह मनोरम दृश्य दिखा दिया जिसे देखने के लिये शहर ही नहीं जिले का हर नागरिक लालयित रहता है। शिवना का जल पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करते ही खुशियां छा गई। सोश्यल मीडिया पर शिव के चरण पखारती शिवना की फोटो आते ही शहर के अनेक लोग रात्रि में ही इस विहंगम दृश्य को देखने पशुपतिनाथ मंदिर पहुंच गये थे। इस वर्ष वर्षा ऋतु में शनिवार को शिवना नदी में पहली बार ही बाढ़ आई और पहले ही दिन शिवना ने शिव का अभिषेक कर दिया। रात्रि तक शिवना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा था और शिवना का जल प्रतिमा के नीचे के चार मुख जलमग्न कर चुका था। मंदिर गर्भग्रह में शिवना का जल था और जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही थी। पशुपतिनाथ मंदिर के साथ ही परिसर में ही तापेश्चर महादेव मंदिर में शिवना ने शिवलिंग को पूरा डूबो दिया था। मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात था।