भोपाल। बालाघाट के बाद अब मप्र की राजधानी भोपाल में भी आरटीओ में फर्जी रजिस्ट्रेशन कांड का खुलासा हुआ है। यहां पूरा एक रैकेट सक्रिय था जो यूपी से चोरी के वाहनों को लाकर भोपाल आरटीओ की मिलीभगत से रजिस्ट्रेशन करा वापस बेच दिया करता था। क्राइम ब्रांच ने इस रैकेट के एक आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। याद दिला दें कि बालाघाट में इस कांड में पूरा का पूरा आरटीओ आफिस घेरे में आया है। तीन पुराने आरटीओ के खिलाफ भी एफआईआर हुई है। वहां भी इस घोटाले का खुलासा पुलिस विभाग ने ही किया।
एसएसपी रमनसिंह सिकरवार ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने लालघाटी के पास मिनी ट्रक यूपी-96-ए-9902 नंबर के वाहन को रोका। उसे आष्टा निवासी आबिद खान चला रहा था। कागजातों से ट्रक के इंजन-चेसिस नंबर का मिलान करने पर कुछ नंबरों में छेड़छाड़ की जाना प्रतीत हुई। चूंकि दो वर्ष पहले आबिद चोरी के 14 वाहनों के साथ पकड़ा गया था। अतः थाने लाकर उससे सख्ती से पूछताछ शुरू की गई। उसने यूपी से चोरी के वाहन लेकर भोपाल में उनका रजिस्ट्रेशन कराकर बेचना स्वीकार किया। उसकी निशानदेही पर सात वाहन बरामद किए गए हैं।
ऑन डिमांड बुलाता था चोरी के वाहन
आबिद पहले डेंटिंग-पेंटिंग का काम करता था। इसकी आड़ में वह यूपी के वाहन चोर गिरोह के लिए काम करने लगा। गाड़ी का ग्राहक मिलने के बाद वह यूपी से चोरी के वाहन बुलवा लेता था। गिरोह वाहन के साथ आगरा आरटीओ से संबंधित वाहन की एनओसी भी भेजता था। उन कागजों पर लिखे इंजन-चेसिस के नंबर आबिद बड़ी सफाई से चोरी के वाहनों पर पंच कर आरटीओ में अपने संबंधों का इस्तेमाल कर रजिस्टर्ड करा लेता था। इसके बाद गाड़क्ष बेच देता था। उसने इस तरह की एक दर्जन वारदात करना कबूल की हैं। उससे पूछताछ की जा रही है। एसएसपी ने इस मामले में आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया है।
