जबलपुर। यहां माता पिता ने अपनी ही बेटी को बंधक बनाकर रख लिया है, क्योंकि उनकी बेटी ने उनकी मर्जी के खिलाफ लवमैरिज कर ली। बेचारा पति अपनी पत्नि को वापस पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण में है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि इस तरह माता पिता अपनी बेटी जो किसी की पत्नि हो चुकी है, को बंधक बनाकर नहीं रख सकते।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका का इस निर्देश के साथ निपटारा कर दिया कि युवती के माता-पिता किसी की पत्नी को जबरदस्ती बंधक बनाकर न रखें। न्यायमूर्ति संजय यादव की ग्रीष्म अवकाशकालीन एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिकाकर्ता सीहोर निवासी मोहम्मद इमरान की ओर से पक्ष रखा गया।
दलील दी गई कि पूर्व में युवती के माता-पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। दोनों ने इमरान पर बेटी के अपहरण का आरोप लगाया था। इस मामले में नोटिस जारी होने के बाद पुलिस ने युवती को कोर्ट में पेश किया। उसने अपने बयान में साफ किया कि वह अपनी मर्जी से इमरान के साथ विवाह करके रह रही है। उसके माता-पिता द्वारा लगाया गया अपहरण का आरोप बेबुनियाद है।
हाईकोर्ट ने युवती का बयान रिकॉर्ड पर लेकर उसे कुछ समय के लिए नारी निकेतन भेजे जाने की व्यवस्था दी थी। इस बीच कुछ संगठनों के दबाव में नारी निकेतन प्रबंधन ने युवती को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया। इसकी जानकारी लगने पर इमरान ने बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण ले ली। जिस पर नोटिस जारी होने के बाद पुलिस ने फिर से शपथपत्र पर युवती का जवाब प्रस्तुत किया। जवाब में साफ किया गया कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है।