भोपाल। एसआईटी की ईमानदारी और सिस्टम पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। डॉ ऋचा जौहरी की फरारी का कलंक अभी मिटा नहीं कि डॉ गोयनका की उपरीत से गुपचुप मुलाकात का राज खुल गया। यह मुलाकात बिना अनुमति के ग्वालियर में हुई। सवाल यह है कि आखिर यह संभव कैसे हो गया कि कोई व्यक्ति चुपचाप आया, आरोपी से मिला, आधे घंटे तक बातचीत की और एसआईटी को पता भी नहीं चला।
ग्वालियर एसआईटी की कस्टडी में बंद व्यापमं घोटाले के आरोपी और डीमेट के कोषाध्यक्ष योगेश उपरीत से मिलने चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका ग्वालियर पहुंच गए। डा. गोयनका ने हिरासत में उपरीत से करीब आधा घंटे तक मुलाकात भी की, जिसकी एसआईटी का भनक तक नहीं लगी। दोनों के बीच क्या बात हुई यह भी किसी को नहीं पता।
बुधवार को ग्वालियर से भोपाल से लौटे डॉ. गोयनका से जब हिरासत में हुई इस मुलाकात के बारे में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि उपरीत डीमेट परिवार के हिस्सा हैं। उनसे हिरासत में मुलाकात कर मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। इस मुलाकात ने एसआईटी के जरूर होश उड़ा दिए। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी प्रभारी वीरेंद्र जैन ने उपरीत की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को बगैर अनुमति आरोपी से किसी को नहीं मिलने देने की सख्त हिदायत दी है।
यहां बता दें कि जब से उपरीत ने डीमेट का राज खोला है तभी से प्राइवेट कॉलेजों के संचालकों का समूह उपरीत का किसी भी तरह से चुप कराने के लिए जुटा हुआ है। उनके बयानों को रिकार्ड ना करने के जतन भी किए जा चुके हैं। बड़े लेवल पर पॉलिटिकल पॉवर यूज किया जा रहा है। सिर्फ भोपाल ही नहीं बल्कि दिल्ली के भी कई बड़े नेता इस मामले को दबाने के लिए एसआईटी पर प्रेशर डाल चुके हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या एसआईटी प्रेशर में आ गई है और मामले को खुर्दबुर्द किया जा रहा है।
गोयनका की उपरीत से मुलाकात तो यही प्रमाणित करती है कि इस मामले की जांच एसआईटी के बस की बात नहीं रही।