डीमेट घोटाले में भाजपा के 5 मंत्रियों के नाम

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भोपाल। डीमेट घोटाले का खुलासा करते हुए योगेश उपरीत ने बताया है कि उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर जो भी आया, उसे आते ही 10 करोड़ थमाए, ताकि वो कभी कोई सवाल ही ना करे। यहां बता दें कि डीमेट की स्थापना से अब तक भाजपा के 5 मंत्री चिकित्सा शिक्षा विभाग संभाल चुके हैं। इस खुलासे के बाद मंत्री नरोत्तम मिश्रा के होश उड़ गए। उन्होंने दावा किया है कि ऐसा कोई बयान रिकार्ड नहीं हुआ है।

डीमेट के कोषाध्यक्ष और व्यापमं घोटाले के आरोपी योगेश उपरीत ने ग्वालियर एसआईटी को पूछताछ के दौरान बताया कि प्रदेश सरकार में चिकित्सा शिक्षा विभाग मिलते ही संबंधित मंत्री को हम दस करोड़ रुपए पहुंचा देते थे। यह रुपए डीमेट से जुड़े सभी फैसलों को बगैर किसी आपत्ति के स्वीकृति देने के लिए दिए जाते थे। इनमें सरकारी कोटे की सीट का मैनेजमेंट कोटे में समायोजन, परीक्षा के समय पसंदीदा पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, मैनेजमेंट कोटे में नियमों से बाहर जाकर प्रवेश और दाखिले की मनमानी फीस जैसे फैसले शामिल होते थे। रुपए देने के बाद इन तमाम मामलों में मंत्री के पद पर बने रहने तक कोई आपत्ति नहीं आती थी। यह सारे काम चिकित्सा शिक्षा मंत्री की जानकारी में होते रहे हैं।

11 जून तक एसआईटी ग्वालियर ने रिमांड लेकर पूछताछ की है, इस दौरान उपरीत ने बताया कि डेंटल एंड मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट (डीमेट) कराने में चिकित्सा शिक्षा मंत्री का अहम रोल होता है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ही डीमेट के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी परीक्षा को पारदर्शिता के साथ पूरी होती है। डीमेट के लिए चार पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया जाता है, जो स्वास्थ्य विभाग का सीनियर डाक्टर या सरकारी मेडिकल कॉलेज का प्रोफेसर होता है। इनकी नियुक्ति का अनुमोदन चिकित्सा शिक्षा मंत्री ही देता है।

अब तक बदल चुके हैं चार मंत्री
डीमेट वर्ष 2006 से होना शुस्र् हुई थी। तब से लेकर अब तक पांच मंत्री बदल चुके हैं। इनमें पूर्व मंत्री कमल पटेल, अजय विश्नोई, महेन्द्र हार्डिया, अनूप मिश्रा शामिल हैं। वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा मंत्री नरोत्तम मिश्रा हैं।

इन शहरों में होते हैं डीमेट के परीक्षा केन्द्र
डीमेट की परीक्षा के लिए प्रदेश समेत बाहरी राज्यों में 12 सेंटर बनाए जाते हैं। इनमें अहमदाबाद, भोपाल, दिल्ली, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, लखनऊ, पटना, रायपुर, रीवा और उज्जैन शामिल हैं। डीमेट एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल एंड मेडिकल एसोसिएशन कराती है। एसोसिएशन से प्रदेश के 21 मेडिकल और डेंटल कॉलेज जुड़े हुए हैं। इसका मुख्यालय भोपाल में है।

मंत्री नरोत्तम मिश्रा की प्रतिक्रिया
मैंने पता करवा लिया है, ऐसा कोई बयान उपरीत ने नहीं दिया है। यह सभी व्यर्थ की बातें हैं। ऐसे तो कोई भी किसी के बारे में आरोप लगा सकता है। जिन्होंने आपको बताया है वो ही बीच के कुछ लोग इन आधारहीन बातों की अफवाह फैला रहे हैं। उपरीत ने डीमेट के बारे में कोई बयान ही नहीं दिए हैं।
नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री मप्र

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