भोपाल। दिल्ली में पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या करने वाले किसान गजेंद्र की तर्ज पर सतना का किसान भी खुदकुशी की धमकी दे रहा है। बुधवार रात से पेड़ पर चढ़ा यह किसान कुछ खा नहीं रहा, केवल पानी से गुजारा कर रहा है। एेसा करके वह प्रशासन पर अपनी बात मनवाने का दबाव भी डाल रहा है। उसने पुलिस और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है।
दरअसल किसान रामप्रकाश और उसके भाई के बीच लंबे समय से जमीन विवाद चल रहा है। बुधवार को न्यायालय ने फैसला रामप्रकाश के भाई के हक में सुनाया। इससे नाराज होकर किसान गले में फांसी का फंदा डालकर पेड़ पर चढ़ गया। इससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
रातभर पुलिस ने पेड़ के नीचे दिया पहरा
मामला सतना के नागौद क्षेत्र का है। किसान राम प्रकाश का आरोप है कि जमीन विवाद को लेकर उसका भाई उसे परेशान कर रहा है। किसान के पेड़ पर चढ़ने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अमले ने किसान को काफी देर तक समझाइश दी, लेकिन वह नीचे नहीं उतरा। अनहोनी की आशंका के चलते पुलिस और प्रशासन का अमला रातभर पेड़ के नीचे पहरा देता रहा। फिर गुरुवार सुबह से देर शाम तक प्रशासन ने किसान को समझाना शुरू किया, लेकिन किसान अब तक अपनी बात पर अड़ा हुआ है।
गांव के सरपंच ने रामप्रकाश को बताया सही
नागौद कचहरी के खम्हरिया खुर्द गांव के सरपंच इस पूरे मामले में रामप्रकाश को सही बता रहा है। सरपंच की माने, तो रामप्रकाश के साथ अन्याय हुआ है। जिस जमीन को लेकर दोनों भाइयों में विवाद हो रहा है रामप्रकाश के हिस्से में ही आ रही है। इस संबंध में सरपंच एसडीएम से भी बात करने के लिए तैयार है।
मेरी शिकायत सुनने को राजी नहीं है प्रशासन
इस पूरे मामले में किसान रामप्रकाश का कहना है कि, प्रशासन ने मेरे साथ धोखा किया है। मेरे भाई ने जमीन पर कब्जा कर लिया है और मेरे पास घर से बाहर निकलने के लिए भी रास्ता नहीं बचा है। मैंने इसकी शिकायत की, लेकिन बुधवार को न्यायालय ने फैसला मेरे खिलाफ सुना दिया, जो कि गलत है। यदि, पुलिस और प्रशासन ने मेरी बात नहीं मानी तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
रामप्रकाश को अपनी बात रखने के लिए दिया था समय: SDM
बुधवार को दिनभर चले घटनाक्रम के बाद देर रात एसडीएम जेपी धुर्वे भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने काफी देर तक रामप्रकाश को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। इस पूरे मामले में एसडीएम धुर्वे का कहना है कि, कोई भी निर्णय तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर दिया जाता है। संबंधित को कई बार तथ्य प्रस्तुत करने के साथ ही अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था, लेकिन रामप्रकाश अपना पक्ष न्यायालय के सामने नहीं रख सका। साक्ष्यों के अभाव में जब फैसला उसके विरुद्ध आया, तो वह ये हरकत कर रहा है। एसडीएम ने कहा कि, यदि वह न्यायालय के फैसले से असहमत है तो इसके पास ऊपर अपील करने का अधिकार है।