झूठ बोलतीं हैं सरकारी अस्पताल की मशीनें: मंत्री का खुलासा

भोपाल। मप्र के सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव ने खुलासा किया है कि राजधानी के प्रख्यात जेपी अस्पताल की मशीनें झूठ बोल रहीं हैं। यह उनका आरोप नहीं बल्कि वो खुद इससे पीड़ित हैं और उन्होंने कलेक्टर से इसकी विधिवत शिकायत की है।

यह हुआ घटनाक्रम
हुआ यूं कि सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव गुरुवार देर रात उज्जैन से लौटकर जेपी अस्पताल पहुंचे। उन्हें तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही थी। उस समय इमरजेंसी यूनिट में ड्यूटी पर डॉ. सुनील द्विवेदी थे। उन्होंने हाल ही में जेपी अस्पताल में ज्वाइन किया है। मंत्री जी का मामला था लिहाजा इलेक्ट्रॉनिक और मेनुअल (मर्करी) दोनों मशीनों से उनका बीपी मापा गया। दोनों मशीनों की रीडिंग में थोड़ा अंतर आया। इस पर मंत्रीजी भड़क गए। उन्हें मशीनों पर भरोसा नहीं हुआ। यहां से जाकर बंसल हॉस्पिटल में इलाज कराया। अगले दिन ड्यूटी डॉक्टर की शिकायत कलेक्टर और सीएमएचओ से कर दी।

इधर शिकायत, उधर बचाव
अस्पताल अधीक्षक ने मामले की जांच की और रिपोर्ट कमिश्नर हेल्थ को भेज दी। रिपोर्ट में ड्यूटी डॉक्टर को क्लीन चिट दी गई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि मंत्री भार्गव देर रात अस्पताल में बेचैनी होने की शिकायत लेकर कार्यकर्ताओं के साथ आए थे। मंत्री द्वारा शिकायत किए जाने के बाद रात में ही यूनिट में डॉ. द्विवेदी के स्थान पर डॉ. बलराम उपाध्याय की ड्यूटी लगा दी थी।

उज्जैन में कराए इलाज से आराम नहीं
मंत्री गोपाल भार्गव ने जेपी अस्पताल में आने से पहले उज्जैन में इलाज कराया था। यहां डॉक्टरों ने भार्गव का ब्लड प्रेशर 200/110 बताया था। साथ ही दवाएं दी थीं। आराम नहीं मिलने के पर वह देर रात इलाज कराने जेपी अस्पताल पहुंचे थे।

सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करूंगा
जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि जेपी अस्पताल में डॉक्टर द्वारा संतोषजनक इलाज नहीं दिए जाने की सूचना उसी दिन कलेक्टर और सीएमएचओ को दे दी थी। जल्द ही भोपाल के सभी सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही जेपी अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में सुधार के संबंध में जल्द ही कलेक्टर और सीएमएचओ से जवाब-तलब किया जाएगा।

घबरा गए थे डॉक्टर
मंत्री गोपाल भार्गव का ब्लड प्रेशर मापने में अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर से कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी। मर्करी और इलेक्ट्रॉनिक ब्लड प्रेशर मशीन से ब्लड प्रेशर मापने पर रिजल्ट अलग-अलग आता हैं। मंत्री के कार्यकर्ताओं के साथ अचानक इमरजेंसी यूनिट में पहुंचने से ड्यूटी डाक्टर सुनील द्विवेदी घबरा गए थे। बाद में दूसरे ड्यूटी डॉक्टर ने मंत्री भार्गव का ब्लड प्रेशर मापकर, उनका इलाज किया था। वे अस्पताल से संतुष्ट होकर निकले थे।

मैं कतई नहीं घबराया
मंत्री भार्गव जब आए उस समय मैं एक अन्य मरीज को देखने गया था। लौटकर मंत्री का ब्लड प्रेशर इलेक्ट्रॉनिक और मर्करी बीपी इंस्ट्रूमेंट से मापा था। दोनों की रीडिंग में थोड़ा अंतर था, जो सामान्य है। जांच में उनका बीपी हाई निकला था। जांच के बाद उन्होंने दोनों मशीनों की रीडिंग अलग होने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन मैं घबराया कतई नहीं था।
डाॅ. सुनील द्विवेदी, जेपी अस्पताल

कमिश्नर हेल्थ को भेजी रिपोर्ट
मंत्री गोपाल भार्गव के ब्लड प्रेशर जांच में हुई गड़बड़ी मामले की जांच रिपोर्ट जेपी अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल शुक्ला ने बनाई थी। रिपोर्ट कमिश्नर हेल्थ पंकज अग्रवाल को भेज दी है।
डॉ. वीणा सिन्हा, सीएमएचओ, भोपाल

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