भोपाल। बिजली काॅलोनी मेन रोड पर एक तेज रफ्तार स्कूल बस हादसे का शिकार होते-होते बच गई। पटेल नगर स्थित सेंट मॉन्टफोर्ट स्कूल की बस एमपी-04 पीए-1322 के एक पिछले पहिए के नट बोल्ट रास्ते में ही गिरना शुरू हो गए। अशोका गार्डन थाने के दो पुलिस आरक्षक बाइक से ड्यूटी पर निकले थे। उन्हाेंने नट बोल्ट गिरते देखे और आेवरटेक करके बस को रोका। तब तक करीब 400 मीटर तक आगे जा चुकी थी। तब तक पहिया एक ही नटबोल्ट पर टिका था। बस में 52 बच्चे सवार थे।
घटना दोपहर 12 बजे की है। संयोग से पुलिस आरक्षक जगदेव सिंह कुशवाहा और जितेंद्र मेहरा बस के पीछे थे। उन्होंने देखा कि नटबोल्ट गिर रहे हैं। उन्होंने बस को ओवरटेक करके जाकर रोका। बस रफ्तार में थी। एकदम ब्रेक लगे तो बच्चे घबरा गए। बस ड्राइवर आसिफ और कंडक्टर राजा ने बस रोककर देखा तो पहिया एक ही नटबोल्ट पर टिका था। दोनों घबराए। आरक्षक जगदेव सिंह कुशवाहा ने बताया कि यदि थोड़ी देर हो जाती तो बस पलट भी सकती थी, क्योंकि उसकी रफ्तार तेज थी। एक ही नट के सहारे बस 400 मीटर दौड़ती रही।
जितेंद्र मेहरा का कहना है कि बस इतनी स्पीड में थी कि उस रोकने के लिए हमें 70 की स्पीड से बाइक दौड़ाना पड़ी। बाद में बच्चों को दूसरी बस से घर रवाना किया गया।
- मौके पर मिली पांच खामियां
- इमरजेंसी गेट की जगह सीट थी।
- बच्चों की ओवरलोडिंग
- अग्निशमन यंत्र नहीं था
- ड्राइवर और कंडक्टर वर्दी में नहीं थे।
- बस में फर्स्ट-एड बॉक्स तक नहीं था

ड्रायवर-कंडक्टर ने धमकाया घर में बताना बस पंचर हो गई थी
ड्रायवर और कंडक्टर ने बच्चों को धमकाते हुए कहा कि किसी को कुछ मत बोलना वरना बस में नहीं बैठाएंगे। घर में कोई पूछे कि बस लेट क्यों आई तो घर में बता देना कि पंचर हो गई थी।
प्रिसिपल ने कहा: तो हम क्या करें?
सेंट मॉन्टफोर्ट स्कूल के प्रिसिपल ब्रदर टी. एलेक्स ने बताया कि बस हमारे स्कूल की नहीं है। इसे बच्चों के परिजनों ने लिया हुआ है। ऐसी 12 बसें हैं, जो परिजनों ने सीधे ली हुई हैं। ऐसे में हम इस केस में क्या कर सकते हैं?
बस मालिक बेफिर्क
बस मालिक रेहान हाशमी का कहना है कि बस के पहिए के नट बोल्ट खुलने की दिक्कत आई थी। यह कोई बड़ी घटना नहीं है। बच्चों को दूसरी बस में शिफ्ट कर उनके घर भेजा गया। तूल देने की जरूरत नहीं है।