TIT में हड़ताल

भोपाल। TIT Group of Institutions के टेक्नोक्रेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (टीआईटी) प्रबंधन ने कम उपस्थिति का हवाला देकर फाइनल ईयर के छात्रों पर एक हजार रुपए का फाइन कर दिया है। साथ ही फाइन जमा नहीं करने पर छात्रों को एक्सटर्नल एग्जाम में शामिल नहीं होने देने की चेतवानी भी दी है। इससे नाराज छात्रों ने मंगलवार को हड़ताल की। हालांकि मीडिया से चर्चा के दौरान कॉलेज प्रबंधन ने फाइन की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि छात्रों के आरोप झूठे हैं।

दरअसल, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) की बीई फाइनल ईयर की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई हैं। जबकि फर्स्ट ईयर की परीक्षाएं 11 जून से शुरू होनी है। टीआईटी ने फर्स्ट और फाइनल ईयर के सभी छात्रों के परीक्षा फॉर्म कम उपस्थिति का हवाला देते हुए आरजीपीवी में जमा करने से रोक दिए थे। साथ ही उन पर एक हजार रुपए का फाइन भी किया था। छात्रों के दबाव में सोमवार शाम फाइनल ईयर के छात्रों के फॉर्म जमा कर दिए। लेकिन एक हजार रुपए जमा नहीं करने पर उन्हें एक्सटर्नल एग्जाम में शामिल नहीं होने देने की चेतावनी दी है। इसे लेकर मंगलवार को छात्रों ने हड़ताल कर दी। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन बिना वजह फाइन वसूल करने के लिए दबाव बना रहा है। उन्होंने 65 प्रतिशत से ज्यादा क्लासेस अटेंड की है।

पहले भी हो चुका है विवाद
फाइन को लेकर टीआईटी प्रबंधन और छात्रों के बीच यह पहला विवाद नहीं है। इसके पहले भी टीआईटी में इस तरह के विवाद हुए हैं। इससे पहले जेन्ट्स टॉयलेट टूटने पर कॉलेज प्रबंधन ने छात्र छात्राओं पर एक हजार रुपए का फाइन कर दिया था। इसे लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। विवाद बढ़ता देख कॉलेज प्रबंधन ने पहले तो फाइन लेने से इनकार कर दिया था। लेकिन बाद में सभी छात्रों से फाइन वसूल किया था।

झूठ बोल रहे हैं छात्र
टीआईटी के ग्रुप डायरेक्टर सीएल सक्सेना के मुताबिक छात्रों के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के लिए 65 प्रतिशत क्लासेस अटेंड करना अनिवार्य है। जिन्होंने 65 प्रतिशत क्लासेस अटेंड नहीं कि है उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। फाइन की बात गलत है।

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