भोपाल। राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (EOW) ने एमपीएसआईडीसी घोटाले में राज्य सरकार से स्कूल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी है।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि राज्य उद्योग विकास निगम में हुए करोड़ों के गोलमाल मामले का सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नए सिरे से परीक्षण किया गया है, इस पूरे मामले में मोहंती पूरी तरह शामिल पाए गए हैं। ऐसे में इनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करने के लिए अभियोजन स्वीकृति दी जाए।
सामान्य प्रशासन कार्मिक विभाग ने पूरा प्रकरण तैयार कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है। उनके अनुमोदन के बाद उक्त प्रकरण को केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को भेजा जाएगा। केन्द्र की अनुमति मिलने के बाद ईओडब्ल्यू मोहंती के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर अभियोजन दायर कर सकेगी।
उल्लेखनीय है कि मोहंती के खिलाफ केन्द्र सरकार 28 जून 2011 को अभियोजन स्वीकृति जारी की थी, लेकिन मोहंती ने इस मामले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को नए सिरे से जांच करने के निर्देश दिए। हाल ही में ईओडब्ल्यू ने दोबारा मामले की जांच कर मोहंती को दोषी ठहराते हुए एक बार फिर अभियोजन स्वीकृति जारी करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने विधि से मांगी सलाह
ईओडब्ल्यू द्वारा अभियोजन स्वीकृति मांगे जाने की भनक लगते ही मोहंती ने मुख्यमंत्री को रिप्रजेंटेशन देकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन 13 बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश दिए थे, ईओडब्ल्यू ने उनमें से केवल एक बिंदू पर जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है, जो कि सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है।
मोहंती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को मेरा पक्ष लेने के भी निर्देश दिए थे, जो नहीं लिया गया। मुझे फंसाने की साजिश हो रही है। मोहंती का पक्ष सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेज दिया है। विधि विभाग से अभिमत आने के बाद ही कार्रवाई होगी।
क्या था मामला
एमपीएसआईडीसी के एमडी रहने के दौरान मोहंती द्वारा 719 करोड़ का कर्ज बिना किसी गारंटी के विभिन्न कंपनियों को बांटा गया था। नियम विरूद्व कर्ज बांटने पर मोहंती के खिलाफ जांच 2004 में शुरू की गई थी।