भोपाल। एक कुरियर कंपनी को छात्रा का परीक्षा फाॅर्म समय पर संस्थान में नहीं पहुंचाने और उपभोक्ता को गुमराह करने के मामले में 50 हजार रुपए हर्जाना और 46 हजार रुपए कोचिंग खर्च देने का आदेश दिया है। इस मामले में उपभोक्ता ने कुरियर कंपनी के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर सहित सात लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत की थी।
यह पहला मौका है जब फोरम ने हर्जाने और परिवादी व्यय के अलावा अतिरिक्त राशि देने का आदेश दिया है। कोलार के शिर्डीपुरम निवासी निकिता दुबे ने एलएलबी करने के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2013 का फाॅर्म तीन हजार रुपए में लिया था। यह फाॅर्म उसने हिदायतुल्लाह लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर को 24 जनवरी 2013 को चूना भट्टी स्थित डीटीडीसी कुरियर के जरिए भेजा था। 40 रुपए शुल्क लेकर कुरियर कंपनी के एजेंट ने डाक जल्दी पहुंचाने की बात कही। निकिता ने शिकायत में बताया कि जब प्रवेश पत्र नहीं मिला तो उन्होंने यूनिवर्सिटी से संपर्क किया। पता चला कि उनका फाॅर्म पहुंचा ही नहीं।
छह दिन बाद भेजा रायपुर, वापस भोपाल आया फाॅर्म
निकिता ने डीटीडीसी कुरियर और रायपुर की ब्रांच में संपर्क किया। कंपनी के कर्मचारियों ने पंजीयन नंबर देखकर डाक की स्थिति ली तो पता चला कि चूना भट्टी स्थित कंपनी ने छह दिन बाद रायपुर डाक भेजी थी। रायपुर स्थित ब्रांच ने 5 फरवरी को डाक पर अधूरा पता की टीप लिखकर वापस भेज दी लेकिन कंपनी ने उन्हें डाक वापस नहीं की। निकिता ने फोरम को बताया कि उसने इस परीक्षा के लिए कोचिंग ली थी, जिसमें 46 हजार रुपए खर्च हुए थे।
नोटिस का कोई रिस्पांस नहीं
उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को कई नोटिस जारी किए, लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुआ। फोरम के अध्यक्ष अखिलेश पंड्या ने एक पक्षीय आदेश देते हुए कंपनी को हर्जाना देने को कहा।