इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं के मूल्यांकन में देरी से बीकॉम, बीए और बीएससी पहले सेमेस्टर के रिजल्ट में भारी लेटलतीफी से प्रबंधन की नींद उड़ी हुई है। चूंकि यूनिवर्सिटी के पास अंग्रेजी विषय की कॉपियां जांचने वाले मूल्यांकनकर्ता बेहद कम हैं, इसलिए अब इनकी तलाश शुरू हो गई है।
इंदौर छोड़ भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसरों को इसके लिए राजी किया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा कॉपियां बाहर भेजी जा सकें। मूल्यांकन में डीएवीवी को अंग्रेजी के मूल्यांकनकर्ताओं की कमी से भी जूझना पड़ता है। फिलहाल यूनिवर्सिटी के मूल्यांकन केंद्र ने अभी तक 30 नए अंग्रेजी के मूल्यांकनकर्ता ढूंढ लिए हैं।
अभी महज 20 मूल्यांकनकर्ता ही हैं। अब फिर दूसरे, चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं होना है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अंग्रेजी की कॉपियां कैसे जांची जाएगी। बीकॉम,बीए और बीएससी प्रथम तथा एमकॉम एमए औैर एमएससी प्रथम सेमेस्टर में अंग्रेजी अनिवार्य है। इनकी कॉपियों की संख्या 40 हजार से ज्यादा है, जबकि इनके मूल्यांकनकर्ताओं की संख्या जरूरत की तुलना में आधी भी नहीं है। फिलहाल यूनिवर्सिटी को अंग्रेजी के 55 मूल्यांकनकर्ता चाहिए लेकिन उसके पास 20 ही हैं। 30 नए मूल्यांकनकर्ता जुड़ने के बाद समस्या एक तरह से खत्म ही हो गई है।