युक्तियुक्तकरण के नियमों में उलझी सरकार: हर हाल में होगा अन्याय

भोपाल। स्कूली शिक्षा के लिए हो रहे युक्तियुक्तकरण में इस बार थोकबंद विवाद सामने आएंगे, सैंकड़ों मामले न्यायालय में जाने की संभावना है और यह बिल्कुल तय है कि सरकार की जमकर भद पिटने वाली है, क्योंकि प्रोसेस ही ऐसी तैयार हो गई है जिसमें कर्मचारियों के साथ अन्याय होना तय हो गया है। 

खबर आ रही है कि मुरैना शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार कर ली है। इसके आधार पर समायोजन के तहत अतिशेष शिक्षकों के स्थानांतरण किए जाएंगे लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई सूची में कई विसंगतियां सामने आई हैं। सबसे बड़ा नुकसान उन शिक्षकों को हैं जो संविदा शिक्षकों से अध्यापक बन गए हैं। नियमानुसार यदि उनको अतिशेष बताकर स्थानांतरण किया जाता हैं तो उनकी सीनियरटी समाप्त हो जाएगी। बहुत संभव है कि ऐसी स्थिति में अध्यापकों को अपने प्रमोशन से हाथ धोना पड़ेगा। 

समायोजन की सूची सामने आते ही शिक्षा जगत में कोहराम मच गया है। विसंगतियों का अंबार देख सभी शिक्षक संगठन आंदोलन के मूड में आ गए हैं। कुछ ऐसे हैं जिन्होंने न्यायालय की शरण लेने का मन बनाया है। सबसे बड़ी नाराजगी अध्यापकों के स्थानांतरण को लेकर है। बताया जाता है कि संविदा शिक्षकों के स्थानांतरण का नियम नहीं है। लेकिन साल 2008 में उन संविदा शिक्षकों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया चालू की गई जो तीन साल में संविदा शिक्षक से अध्यापक बन गए थे। स्थानांतरण के लिए शर्त रखी गई कि ऐसे अध्यापकों की स्थानांतरण के बाद सिनियरिटी समाप्त कर दी जाएगी। शर्त को स्वीकार करते हुए कई अध्यापकों ने अपनी सिनियरिटी गंवाते हुए गांवों के स्कूलों से शहर मे स्थानांतरण करा लिए। 2008 के बाद स्थानांतरण प्रक्रिया पुन: बंद हो गई। खास बात यह है कि 2008 में सशर्त स्थानांतरण कराकर शहर में आए अध्यापकों को अब अतिशेष बताया जा रहा है। ऐसी स्थिति में उनका स्थानांतरण होता है तो उनकी सिनियरिटी फिर से समाप्त हो जाएगी और उन्हें आगामी भविष्य में होने वाले प्रमोशन से हाथ धोना पड़ेगा। 

पद रिक्त नहीं फिर भी अतिशेष : शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की अतिशेष सूची एक अनोखी विसंगति सामने आई है। बताया जाता है कि जिले में इतिहास विषय के 16 व्याख्याता अतिशेष बताए जा रहे हैं। 

निराकरण कर रहे हैं 
समायोजनकी फाइनल सूची जारी करने से पहले दावे-आपत्तियां बुलाए गए हैं और उनका निराकरण किया जा रहा है। '' डा.आरएन नीखरा, जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना 

पदोन्नति हो तो नहीं आपत्ति 
अतिशेष सूची में शामिल अध्यापकों के स्थानांतरण को लेकर बवाल मच रहा है। ऐसे अध्यापकों ने शर्त रखी है कि वे स्थानांतरण के लिए तैयार है लेकिन इससे पहले उनकी पदोन्नति सूची जारी कर दी जाए। जिससे सिनियरिटी समाप्त होने पर उन्हें नुकसान न हो। शिक्षा विभाग ने उच्च श्रेणी शिक्षक से प्रधानाध्यापक की पदोन्नति सूची तो जारी कर दी है लेकिन अध्यापकों की पदोन्नति सूची नहीं आई है। 

छात्रों को होगा नुकसान 
शिक्षा विभाग इस बार एक नए नियम को फॉलो कर रहा है। जानकारी के अनुसार एक स्कूल में एक विषय का एक ही शिक्षक रहेगा। फिर चाहे छात्र संख्या कितनी भी हो। सभी क्लासों में एक ही शिक्षक एक विषय पढ़ाएगा। ऐसी स्थिति में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। प्रमाण के तौर पर शाकउमावि जौरा सामने है। यहां 614 छात्राएं अध्ययनरत हैं। वर्तमान में एक विषय के चार-चार शिक्षक हैं लेकिन अब वहां एक विषय का एक ही व्याख्याता या वरिष्ठ अध्यापक रहेगा और वह ही 9वीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं की छात्राओं को पढ़ाएगा। 

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