व्यापमं: लोगों के कॉल रिकार्ड कर रही है मप्र सरकार

भोपाल। अवैध रूप से लोगाें के काॅल रिकॉर्ड करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार सहित एसटीएफ और एटीस (एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जबाव मांगा है। व्हिसल ब्लोअर प्रशांत पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मप्र में अवैधानिक तरीके से लोगों की सूचनाएं एकत्रित की जा रही हैं। इसके लिए स्पंदन टेक्नॉलाजी नामक कंपनी की सेवाएं ली जा रही हैं।

तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र, डायरेक्टर ऑफ मिलिट्री इंटेलीजेंस और सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया कि मप्र में अवैध रूप से कॉल टेपिंग कर सूचनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। इससे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है, बल्कि आम आदमी की निजी जिंदगी में दखल दिया जा रहा है। स्पंदन का ऑफिस इंदौर और अमेरिका में है।

कंपनी द्वारा यह सॉफ्टवेयर पुलिस अधिकारियों व जांच एजेंसियों को प्रति माह महज 5 हजार रुपए में उपलब्ध कराया गया है, जिसका उपयोग प्रदेश में 4 हजार पुलिस कर्मी कर रहे हैं। जबकि सट्टा बाजार से जुड़े लोगों व टेली मार्केटिंग कंपनियों से हर माह 5 से 50 लाख रुपए तक वसूले गए हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेएस खेहर, मदन बी लोकुर व कुरियन जोसफ ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। इसलिए अनावेदकों से 4 सप्ताह में जबाव मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा व इंद्रा जयसिंह ने पैरवी की।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!