शिमला। राज्य सरकार इसी सप्ताह सरकारी विभागों में तैनात अस्थाई कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है। बुधवार को प्रस्तावित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कार्मिक विभाग की ओर से तीन से चार प्रस्ताव लाए जा रहे हैं। इसमें अनुबंध कर्मचारियों को छह साल की बजाय पांच साल में रेगुलर करने का मसला सबसे अहम है।
इस पर कैबिनेट की मुहर लगती है तो 31 मार्च 2015 को पांच साल का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही पार्ट टाइम कर्मचारियों को पहले जहां नौ साल में दैनिक भोगी कर्मचारी बनाया जाता रहा है। इस अवधि को भी घटाकर आठ साल किया जा सकता है। राज्य में इनके अलावा सात साल पूरा कर चुके दैनिक भोगी कर्मचारियों को रेगुलर करने के मसले पर भी बैठक में फैसला लिया जाना है।
राज्य सरकार ने अपने बजट भाषण में कर्मचारियों की इन मांगों को पूरा करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस पर सरकार की ओर से फैसला नहीं लिया जा सका था। इस बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इन मसलों पर फैसला लिया जाना है। बैठक में इनके अलावा प्रदेश में कई खाली पदों को भरने के लिए विभागों की ओर से प्रस्ताव लाए जा सकते हैं। लंबे अर्सें से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दिल्ली से लेकर हिमाचल के कई हिस्सों के दौरों पर हैं। इस कारण प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक नहीं हो सकी है। अब छह मई को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक प्रस्तावित है। इसमें कर्मचारियों को राहत देने के लिए सररकार की ओर से बड़ा फैसला लिया जा सकता है। प्रदेश में विभिन्न विभागों में 50 हजार अनुबंध कर्मचारी हैं। राज्य में 2008 में बनी अनुबंध नीति के मुताबिक राज्य में रेगुलर नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। कर्मचारियों की नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर होती है।
कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगने के बाद कार्मिक विभाग की ओर से सभी विभागों को सचिवों, विभागाध्यक्षों और निगमों और बोर्डों के पत्र भेजे जाएंगे। इसमें सभी को 31 मार्च 2015 तक अनुबंध, दिहाड़ी या पार्ट टाइम का निर्धारित सेवाकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित या दैनिक भोगी बनाने के निर्देश किए जाएंगे। इसके बाद हर विभाग में कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।