वकार ने घर में छिपा रखे थे 80 वायरलेस सेट

भोपाल। पुलिस और सेना की जासूसी और आतंकी नेटवर्क से कनेक्शन के संदेह में अरेस्ट किए गए Defence Security Services Pvt. Ltd के मालिक वकार खान ने अपने घर में 80 वायरलेस सेट छिपा रखे थे। इनके साथ 2 रिपीटर भी जब्त किए गए हैं। कार्रवाई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने की। रिपीटर का इस्तेमाल 100 किमी के एरिये में बातचीत के लिए होता है।

यह है पूरा मामला...
10 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल आगमन के ठीक 2 दिन पहले पुलिस ने भोपाल में संचालित 'डिफेंड सिक्योरिटी सर्विसेस' के चीफ वकार खान को गिरफ्तार किया था। उसके पास से अवैध रूप से इस्तेमाल किए जा रहे वायरलेस सेट जब्त किए थे। उसने वायरलेस सेट की फ्रिक्वेंसी सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी से मैच कर रखी थी। इससे दोनों की गोपनीयता भंग हो गई थी। इस मामले की जांच के लिए 12 सदस्यीय SIT(स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया था। इसमें मिलिट्री इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और मप्र पुलिस के अफसर शामिल थे। यह टीम एएसपी मनु व्यास के निर्देशन में काम कर रही है।
मनु व्यास का कहना है कि वकार ने सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया है और वायरलेस सेट को नष्ट भी किया है।

9 वायरलेस सेट किए थे बरामद
हनुमानगंज थाना पुलिस का कहना था कि वायरलेस निरीक्षक केके त्रिपाठी ने एफआइआर दर्ज कराई थी। उनके अनुसार आरोपी के पास अनधिकृत 3 और वैध 6 वायरलेस सेट मिले थे। इसलिए उस पर 'इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट' की धारा 3,6 के तहत एफआइआर(नंबर 485‌/15 ) दर्ज की गई थी। उसने अवैध 13 वायरलेस जलाकर नष्ट कर दिए थे। यह एजेंसी भोपाल टाकीज के समीप भोपाल प्लाजा से संचालित होती थी। वह नामी-गिरामी लोगों को सिक्योरिटी सेवा देती थी। इनमें भोपाल में आने वाली फिल्म सेलेब्रिटी भी शामिल रही हैं।

सेना, पुलिस, इंटेलीजेंस ने की पूछताछ
वकार को थाने में रखकर पूछताछ चली थी। संवेदनशील मामले में पुलिस और सेना के आला अधिकारी थाने में मौजूद रहे। वकार अभी 10 दिन की रिमांड पर है। उसके पुलिस, सेना और इंटेलीजेंस ब्यूरो, वकार से यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि गोपनीय सूचनाओं का इस्तेमाल उसने कहां और कैसे किया?

मां के रिटायरमेंट के पैसे से की सिक्योरिटी सर्विस की शुरूआत
वकार खान, भोपाल प्लाजा में 'डिफेंड सिक्योरिटी सर्विस प्रालि' के नाम से एजेंसी चला रहा था। तीन साल पहले ही उसने एजेंसी का लाइसेंस लिया था। इससे पहले वह फोटो जर्नलिस्ट के रूप में एक अखबार के लिए काम करता था। वकार की मां शिक्षा विभाग से रिटायर हुई हैं। उन्हें रिटायर्ड से मिले पैसे से वकार ने सिक्योरिटी एजेंसी का काम शुरू किया। उसने भोपाल प्लाजा में घर खरीदा, जिसमें उसका ऑफिस चल रहा था। धीरे-धीरे वह तरक्की करता गया और वीवीआईपी सिक्योरिटी का काम भी उसे मिला। इसमें शाहरुख खान, अजय देवगन, तुषार कपूर और अन्य फिल्मी हस्तियां शामिल हैं।

ऐसे खुला मामला
सीएसपी नवरतन सिंह का कहना था कि 15 दिनों से इस बात की जांच की जा रही थी कि वकार के पास अवैध वायरलेस हैं। वकार को पकड़ने के दो दिन पहले उसके बारे में पुख्ता जानकारी मिली, लेकिन उसे खबर लग गई और उसने अवैध वायरलेस नष्ट करने शुरू कर दिए थे। पूछताछ में सामने आया कि तीन साल पहले ही उसने सिक्योरिटी एजेंसी का लाइसेंस लिया था और तभी वह सेकंड हैंड 16 अवैध वायरलेस मुंबई की क्राफर्ड मार्केट से लेकर आया था। इनमें से 13 वायरलेस उसने जलाकर नष्ट कर दिए। इनमें से 3 वायरलेस बरामद हो गए थे। उसके पास 6 वैध वायरलेस रखने का लाइसेंस था, जो मुंबई से लिया गया था लेकिन उसने 5 वायरलेस सेट ही चेन्नई की किसी कंपनी से खरीदे हैं।

हमें तो लगा कि लड़कियों का लफड़ा है
भोपाल प्लाजा में सेकंड फ्लोर के कमरा नंबर 201 में वकार का ऑफिस है, वहां के पड़ोसियों और दुकानदारों ने कई चौंकाने वाली जानकारी दी थी। उनके मुताबिक, वकार के ऑफिस में रोजाना कई लड़कियां आती थीं। उन्हें लगा कि कहीं इसी चक्कर में, तो पुलिस उसे उठाकर नहीं ले गई। सिक्योरिटी एजेंसी में काम करने के लिए भी लोगों का तांता लगा रहता था। वकार रोज नई-नई गाड़ियां बदलकर आता था।

सेना और पुलिस की फ्रिक्वेंसी पर मैच थे वायरलेस
वायरलेस वैसे तो खुली मार्केट में बिकता है, लेकिन उसका लाइसेंस लेना पड़ता है। जो कंपनी वायरलेस सेट बनाती है, उसी कंपनी को फ्रिक्वेंसी का लाइसेंस होता है और वह निर्धारित फ्रिक्वेंसी पर ही वायरलेस सेट बेचती है। पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, सेना और सिक्योरिटी एजेंसी के लिए अलग-अलग फ्रिक्वेंसी के वायरलेस सेट होते हैं। किसी को भी एक-दूसरे की फ्रिक्वेंसी पर जाने की इजाजत नहीं होती। इसका उल्लंघन करने पर 'इंडियन वायरलेस एंड टेलीग्राफी एक्ट 1933' के तहत मामला दर्ज होता है जिसमें 3 साल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में यह बात गंभीर है कि वकार ने सेना और पुलिस दोनों की जानकारी प्राप्त करने के लिए 16 वायरलेस सेट का इस्तेमाल किया, जिससे पुलिस के वीआईपी मूवमेंट के दौरान की सारी जानकारी उसको प्राप्त हो गई। वहीं, सेना की मध्य कमान किस तरीके से मूवमेंट करती है, उसका भी पता उसे लग गया था। यही कारण है कि जब पुलिस उसके पीछे लगी तो उसने 13 सेट जला दिए, जिसके अवशेष पुलिस ने बरामद किए थे।

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