होशंगाबाद। कर्जवसूली से परेशान ओलापीड़ित युवा किसान ने कीटनाशक दवा खाकर आत्महत्या कर ली। परिवार का आरोप है कि बैंक के कर्मचारी कर्ज वसूली के लिए उनके बेटे को लगातार परेशान कर रहे थे। 14 मई को उसकी शादी थी और बैंकवालों का कहना था कि भरे मंडप से तुझे उठाकर ले जाएंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि जासलपुर गांव का रेवासिंह तोमर के तीसरे बेटे स्नेह सिंह ने 9 मई को दोपहर में गांव से बाहर जाकर जहर खा लिया था। जिसकी सूचना स्नेह सिंह के परिवार वालों को गांव के लोगों से मिली थी। उसे तुरंत ही जिला अस्पताल लाया गया। स्नेह सिंह की स्थिति काफी नाजुक थी, इसलिए उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद तुरंत ही भोपाल हमीदिया अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। दो दिन बाद स्नेह सिंह ने उपचार के दौरान भोपाल में दम तोड़ दिया।
रेवासिंह तोमर ने बताया कि परिवार में स्नेह सिंह कुल 9 भाई-बहन है। स्नेह सिंह और उसके भाई आशीष सिंह के नाम करीब साढ़े 12 एकड़ की बही है। इसी पर वे खेती करते हैं। इसके लिए उन्होंने करीब 6.5 लाख का कर्ज लिया था।
कुछ समय से ग्रामीण बैंक के अधिकारी पैसों की वसूली के लिए परेशान करने लगे थे। इससे वह परेशान था। वहीं स्नेह के पिता ने बताया कि परिवार के पास करीब 70 एकड़ जमीन है, जिसके बंटवारे सभी भाई बहन में किए जा चुके हैं।
14 को थी स्नेह की शादी
14 मई को स्नेह की शादी होने के कारण घर में काफी तैयारियां की जा रही थी, लेकिन उसके ठीक 6 दिन पहले स्नेह सिंह ने जहर खा लिया और शादी के तीन दिन पहले उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। जिला प्रशासन का एक भी अधिकारी स्नेह की मौत का कारण जानने नहीं पहुंचा है।
सोमवार को हुआ गांव में अंतिम संस्कार
भोपाल से शव आने के बाद स्नेह सिंह का सेामवार को ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन इसकी जानकारी अभी तक जिला प्रशासन को नहीं हो सकी है। परिवार के लोगों का कहना है कि उनके घर में स्नेह सिंह चौहान के बयान लेने के लिए कोई भी नहीं पहुंचा। इसके कारण उसके मृत्यु पूर्व बयान दर्ज ही नहीं हो सके।
हमारे पास किसान के आत्महत्या की जानकारी नहीं आई
अभी इस तरह के किसी किसान की हमारे पास कोई जानकारी नहीं आई है। किसान के परिवार के लोगों या ग्रामीणों से हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। हम जासलपुर में आत्महत्या करने वाले युवक के विषय में जानकारी लेंगे।
ऋतु चौहान, एसडीएम होशंगाबाद ।
इससे प्रदेश की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है
प्रदेश में जब सबसे उपजाऊ कहे जाने वाले जिले में किसान आत्महत्या करने लगें तो प्रदेश की अन्य जिलों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह शर्म की बात है जिस जिले के पड़ोसी सीएम हो उस जिले के किसानों की तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं। इसके कारण किसानों को आत्महत्या करनी पड़ रही है। लेकिन अब हम जल्द ही सीएम के खिलाफ आरपार की लड़ाई शुरू करेंगे। ''
दर्शन सिंह चौधरी, प्रदेश मंत्री भारतीय किसान संघ।