भोपाल। जनप्रिय भाषण देने में माहिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक भाषण अब उनके ही गले की फांस बन गया है। भोपाल में नगरनिगम चुनाव के दौरान कोलार के अतिक्रमणकारियों को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि 'मेरे मुख्यमंत्री रहते कोई माई का लाल आपको यहां से बेदखल नहीं कर सकता।' उनका यह ऐलान अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई के लिए लिस्टेड हो गया है।
यह बयान 26 जनवरी को दिया गया था। इस दिन कोलार में शिवराज सिंह चौहान अपने महापौर प्रत्याशी आलोक शर्मा के लिए वोट मांगने आए थे, जबकि इससे पहले प्रशासन यहां अतिक्रमण विरोधी अभियान की शुरूआत कर चुका था।
उनके इस भाषण का वीडियो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष रखते हुए जबलपुर के मनीष शर्मा ने एक याचिका दायर की है। यह याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट हो गई है। इसमें अगली सुनवाई 18 मई को है।
यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कलियासोत के सिमटते दायरे पर सुनवाई कर रहा है। इसी दौरान यह तथ्य सामने आया था कि कलियासोत के दायरे में कई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन गई हैं। इसके बाद जिला प्रशासन ने यह कहा था कि दायरे में आने वाले अतिक्रमण को हटाया जाएगा। कागजी कार्रवाई शुरू भी हो गई थी कि इसी बीच मुख्यमंत्री ने अपनी एक चुनावी सभा में ऐसी घोषणा की। घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने यू टर्न ले लिया और कालियासोत के नए सिरे से सीमांकन की बात कहने लगा।
उल्लेख करते चलें कि इस मामले में मप्र कांग्रेस कमेटी पूरी तरह से चुप है। एक नदी का अपहरण हो गया है। अब उसे न्याय भी नहीं दिया जा रहा, लेकिन विपक्ष का प्रमुख दल चुप है। वो चुन चुन के मामले उठाता है, केवल ऐसे मामले जिसमें कांग्रेसी नेताओं की संलिप्तता ना हो।